Washington. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी मुद्रा के इस्तेमाल को लेकर ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी. ट्रंप ने भारत, रूस, चीन और ब्राजील समेत नौ देशों के समूह ब्रिक्स से यह वादा करने को कहा कि वे ऐसा नहीं करेंगे. साल 2009 में स्थापित ब्रिक्स एकमात्र बड़ा अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है. ब्रिक्स के अन्य सदस्य दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथोपिया और संयुक्त अरब अमीरात है. बीते कुछ वर्षों में ब्रिक्स देश, विशेष रूप से रूस और चीन, अमेरिकी डॉलर के विकल्प के तौर पर ब्रिक्स की अपनी मुद्रा लाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि भारत अभी तक ऐसे किसी कदम में शामिल नहीं रहा है.
ट्रंप ने शनिवार को ब्रिक्स देशों को ऐसे किसी भी कदम को लेकर आगाह किया. ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करें और हम मूकदर्शक बनकर देखते रहें, वह दौर अब समाप्त हो चुका है. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि वे देश वादा करें कि वे न तो नयी ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी बाजारों में अपना सामान बेचने की उम्मीद छोड़ देनी होगी.