कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को धनधान्य स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में बच्चों के बीच अपने बचपन की कहानी साझा की. बच्चों के बीच रहना पसंद करने वाली ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अभी पैदा नहीं हुई हूं. जिस दिन मेरी मृत्यु होगी, वही मेरा जन्मदिन होगा.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अपनी आधिकारिक जन्मतिथि पांच जनवरी के बारे में एक दिलचस्प किस्सा साझा किया. उन्होंने बताया कि स्कूल में दाखिला करवाने के दौरान उनके पिता उनकी वास्तविक जन्मतिथि नहीं बता सके. ऐसे में उन्होंने खुद ही एक तिथि सुझाई, जिसे शिक्षक ने रिकॉर्ड कर लिया, और वही तिथि उनके सभी दस्तावेजों में दर्ज हो गई.
ममता ने यह भी बताया कि उनका जन्म घर पर हुआ था, जिसके चलते उनके जन्म का सही दिन और समय तय करना मुश्किल था. उन्होंने अपने जन्मदिन और नाम को नापसंद करते हुए कहा कि उन्होंने इन्हें बदलने का कई बार सोचा, लेकिन ऐसा कर नहीं पाईं.
कार्यक्रम में उन्होंने वामपंथी शासन के दौरान अपने साथ हुए अत्याचारों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं एक जिंदा लाश हूं, और उस दौर में झेले गए शारीरिक और मानसिक आघात को याद किया.