New Delhi.जीएसटी परिषद ने सोमवार को एक अहम बैठक की. बैठक में दो हजार रुपये से कम के लेनदेन पर पेमेंट एग्रीगेटर्स को हुई आय पर 18% जीएसटी का मामला और इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने का मुद्दा अहम था. इसको लेकर केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों की समिति (फिटमेंट कमेटी) ने सोमवार को जीएसटी परिषद के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की. इसमें जीवन, स्वास्थ्य और पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कटौती के आंकड़े और विश्लेषण पेश किये गये. इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्य मंत्रियों की मौजूदगी वाली जीएसटी परिषद स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर व्यापक रूप से सहमत हो गयी. इस पर अंतिम फैसला अगली बैठक में लिया जायेगा.
कैंसर की दवा पर जीएसटी दर 12 से घटा कर पांच प्रतिशत की और नमकीन पर 18 से घटा कर 12 प्रतिशत किया गया. उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि परिषद ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल लेनदेन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के मुद्दे को कर अनुशंसा समिति के पास भेज दिया है. इस समय भुगतान एग्रीगेटरों को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट है. सूत्रों ने कहा कि अधिकांश राज्य बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती के पक्ष में हैं, क्योंकि मासिक जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होने से करदाताओं के अनुकूल उपाय करने की गुंजाइश बनी हुई है. यदि जीएसटी दरें कम की जाती हैं, तो यह करोड़ों पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि प्रीमियम राशि घट जायेगी. जीएसटी आने से पहले बीमा प्रीमियम पर सेवा कर लगता था.