सरायकेला-खरसावां जिले के आर आईटी थाना क्षेत्र के सबसे अधिक व्यस्ततम एवं रिहायशी इलाका एनआईटी कॉलेज ,डीएवी स्कूल, एवं आसपास के रिहायशी इलाके के क्षेत्र कभी भी आग के शोले में तब्दील होकर दहल सकता है। एन आई टी कॉलेज के पीछे आसंगी में आलोक इंडेन गैस एजेंसी के गोदाम स्थित है। चर्चा है कि यहां पर मालिक के इशारे पर मुंशी एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध गैस कटिंग का गोरख धंधा धड़ल्ले से प्रतिदिन हो रहा है। जिसकी एक छोटी सी चिंगारी के संपर्क में आते ही पूरे क्षेत्र आग की गोले में तब्दील हो सकता है।जिसकी एक छोटी सी चिंगारी गैस टंकी एवं गैस की संपर्क में आने से गैस टंकी में आग लग कर ब्लास्ट होकर पूरे क्षेत्र को दहला सकता है।
यह धंधा काफी वर्षों से फल फूल रहा है। उजागर तब हुआ जब एक कर्मचारी द्वारा अपने पैसा मांगा तो मालिक आलोक भगत द्वारा चोरी का इल्जाम लगाकर काम से निकाल दिया गया । मालिक आलोक भगत पर कई गंभीर आरोप है लगाया गया है। मालीक के इशारे पर मुंशी नवीन कुमार के द्वारा प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से 9:00 बजे तक गोदाम में ही गैस का अवैध कटिंग का कार्य कर्मचारियों से कराया जाता है । जिसका आधा पैसा मालिक लेता है और आधा वर्कर को दिया जाता है। कर्मचारियों का एटीएम कार्ड भी मालिक अपने पास रखते हैं। मांगने पर एटीएम कार्ड नहीं दिया जाता है और उस अकाउंट में ,दूसरे तरह का कारोबार कर्मचारियों के अकाउंट से किया जाता है। जिससे कर्मचारी डरे- सहमें और दहशत में रहते हैं ।क्योंकि मालिक द्वारा कर्मचारियों के अकाउंट के विषय में कुछ भी नहीं बताया जाता है । कर्मचारियों की मोबाइल पर मैसेज आने पर जब कर्मचारियों द्वारा अकाउंट के विषय में और एटीएम कार्ड के विषय में पूछा गया तो मालिक द्वारा काम से निकालने की धमकी देकर चुप करा दिया जाता है । सभी का अकाउंट आंध्रा बैंक वर्तमान में यूनियन बैंक में है। कुछ कर्मचारियों के नाम पर दो दो अकाउंट भी खोलवाया गया है। जिसको लेकर कर्मचारी असमंजस में रहते हैं। क्योंकि कर्मचारियों के अकाउंट में दूसरे लोगों का भी पैसा मंगाया जाता है।
कर्मचारियों के अनुसार जो कर्मचारी अपना एटीएम का जानकारी करना चाहते हैं और पैसे मांगते हैं ।उनको चोरी या अन्य कोई झूठा आरोप लगाकर काम से हटा दिया जाता है। जिसकी लिखित शिकायत कर्मचारी द्वारा वरीय अधिकारी एवं मुख्यमंत्री एवं पेट्रोलियम मंत्रालय भारत सरकार को दिया गया है। एक कर्मचारी का कमीशन मासिक लगभग 17000 होता है जबकि मालिक द्वारा 8000 से ₹9000 रुपये ही महीना दिया जाता है और बाद में पैसा देने की बात कहा जाता है। इसी तरह बृजेश कुमार यादव द्वारा विगत 5 वर्षों से आलोक गैस एजेंसी में कार्य करने की बातें कहा गया है। जिन्होंने बताया है कि मुझे प्रति माह कमीशन के तौर पर 8 से ₹9000 दिया जाता है जबकि मेरा हर महीना कमीशन 17 से 18 हजार रुपया होता है। शेष पैसा एक बार बाद में देने की बातें कह कर मालिक आलोक भगत हमेशा टाल जाते हैं। ऑफिस में सभी के सामने पैसा देते हैं कमीशन का और वही पैसा फिर मुंशी के माध्यम से ले लेते हैं। मेरा आंख खराब हो गया है। जब मैंने पैसा मांगने गया कि मुझे पैसा की जरूरत है ।आंख बनवाना है तो उन्होंने मुझे पैसा नहीं दिया, और काम से चोरी का आरोप लगाकर हटा दिया है ।जिसकी शिकायत भारत पेट्रोलियम मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली ,मुख्यमंत्री झारखंड ,मुख्य सचिव झारखंड ,डीजीपी झारखंड ,ऑल इंडियन कारपोरेशन पेट्रोलियम वरीय पदाधिकारी झारखंड रांची ,आयुक्त कोल्हान ,डीआईजी कोल्हान ,उपायुक्त सरायकेला खरसावां ,पुलिस अधीक्षक सरायकेला खरसावां , से आवेदन देकर मांग किया है कि चोरी का गलत इल्जाम लगाकर काम से हटाए जाने कि मामले को अपने स्तर से जांच कर पैसा और न्याय दिलाने की आग्रह किया है ।
वही गैस गोदाम में हो रहे अवैध कटिंग मामले का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि उपभोक्ताओं को प्रति गैस टंकी में लगभग 2 से 2.5 kg गैस कम दिए जाते हैं ,जो उपभोक्ताओं के जेब पर डाका डाला जाता है l क्योंकि होम डिलीवरी करने वाले कोई भी गैस एजेंसी द्वारा वजन कर के नहीं दिया जाता है । फिलहाल कुछ दिन पहले यूनिवर्सल कंपनी के द्वारा आलोक गैस एजेंसी गैस एजेंसी के विरुद्ध है अवैध गैस कटिंग एवं कम गैस मिलने की शिकायत पेट्रोलियम विभाग के वरीय पदाधिकारियों से की गई है। वही आर आईटी थाना क्षेत्र के रिहाईसी क्षेत्र जहां देश विदेश और दूसरे राज्यों के बाहर से आकर छात्र-छात्राएं स्टडी करते हैं ।उसके बगल में ही इस तरह के अवैध गैस कटिंग का गोरखधंधा होना अपने आप में एक सवाल बनकर रह गया है।एनआईटी जो नेशनल इंस्टिट्यूट है । पूरे देश- विदेशों में एक अलग पहचान है। वहां इस तरह की कोई अप्रिय घटना होती है तो जिला ,राज्य ही नहीं पूरे देश की आलोक गैस इंडियन के मालिक आलोक भगत के कारण शर्मिंदगी और दुखद घटना का कोप भाजन होकर राज्य एवं मुख्यमंत्री की छवि धूमिल होगी। । इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध गैस कटिंग के धंधा से क्या स्थानीय प्रशासन वाकई, अनजान है ,या जानकर अनजान है।संवाददाता द्वारा जब आलोक गैस इंडियन एजेंसी के मालिक आलोक भगत से संपर्क कर जानकारी लिया तो उन्होंने उपरोक्त लगाए गए सारे आरोपों से इनकार करते हुए को गलत बताया-। वही गोदाम की पर मुंशी का कार्य कर रहे नवीन कुमार ने लगाए गए सारे आरोप को सत्यापित किया है-।- जिससे मुंशी के ऊपर भी मालिक का गाज गिरना तय माना जा रहा है l देखना अब यह है कि जिला एवं स्थानीय प्रशासन इसे कितना गंभीरता से लेती है। बड़े हादसे की दावत को होने से पहले रोकती है ,या अनहोनी अप्रिय घटना होने का इंतजार करेगी ।
ए के मिश्रा