Jamshedpur. महालक्ष्मी मंदिर साकची में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्री राम जन्मोत्सव एवं श्री कृष्णा जन्मोत्सव का व्याख्यान कथा वाचक श्रीधाम वृदांवन से पधारे राजेंद्र जी महाराज ने किया. कथा में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास सपरिवार शामिल हुए. उन्होंने महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया. भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा. सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुईं, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था.
भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं. भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गये और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गये. कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालु झूमने लगे. कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ, तो पूरे परिसर में नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा. इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे. भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे. उन्होंने बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने आमोद प्रमोद के साथ कई राक्षसों का संहार किया और लोगों का कल्याण किया.
भगवान श्रीकृष्ण के गोकुल से मथुरा गमन और फिर द्वारका पहुंचने तक की संपूर्ण कथा सुनाकर भक्तों का मन मोह लिया, उन्होंने भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कृष्ण का मथुरा गमन करने एवं कंस वध आदि कथा का वर्णन किया