Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने निकाय चुनाव मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद तीन सप्ताह में चुनाव कराने के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर नाराजगी जतायी. भारत निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया. आयोग के अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने नोटिस प्राप्त किया. वहीं, अदालत ने मुख्य सचिव को अगली सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया.
अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि निकाय चुनाव कराने के आदेश को नहीं माना गया है. राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं कराना कोर्ट की अवमानना करने जैसा है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने अदालत को बताया कि ट्रिपल टेस्ट कराये बिना भी चुनाव कराया जा सकता है. राज्य सरकार चुनाव नहीं करा कर अदालत की अवमानना कर रही है. उन्होंने अवमानना का मामला चलाने का आग्रह किया.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि ट्रिपल टेस्ट कराया जा रहा है. उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग से वोटर लिस्ट नहीं मिल पाया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रोशनी खलखो व अन्य की ओर से अवमानना याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश का पालन कराने की मांग की गयी है. एकल पीठ ने तीन सप्ताह के अंदर नगर निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था. इस मामले में राज्य सरकार की अपील खंडपीठ ने खारिज कर दी है तथा एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा है.