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Maha Kumbh : पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के समापन के बाद अब महास्नान यानी ‘शाही स्नान’, नाम दिया गया है‘अमृत स्नान’

Prayagraj. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के सकुशल समापन के बाद अब महास्नान यानी ‘शाही स्नान’ की तैयारी पूरी हो गयी है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. बयान के मुताबिक, ‘शाही स्नान’ को इस बार ‘अमृत स्नान’ नाम दिया गया है. बयान में बताया गया कि महाकुम्भ मेला प्रशासन पूर्व की मान्यताओं का पूरी तरह अनुसरण करते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को ‘अमृत स्नान’ में स्नान क्रम भी जारी किया गया है और सभी अखाड़ों को इसकी जानकारी दे दी गई है.

बयान के मुताबिक, यह व्यवस्था मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के ‘अमृत स्नान’ के लिए जारी हुई है. बयान में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के सचिव महंत आचार्य देवेंद्र सिंह शास्त्री के हवाले से बताया गया कि अखाड़ों के अमृत स्नान की तिथि, क्रम और समय की जानकारी आ चुकी है.
उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा, जिसके साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी होगा.

बयान के मुताबिक, महानिर्वाणी अखाड़ा तड़के पांच बजकर 15 मिनट पर शिविर से प्रस्थान करेगा और छह बजकर 15 मिनट पर घाट पहुंचेगा. महानिर्वाणी अखाड़ा को 40 मिनट का समय स्नान के लिए दिया गया है और यह छह बजकर 55 मिनट पर घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और सात बजकर 55 मिनट पर शिविर पहुंचेगा. दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द अमृत स्नान करेगा. तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे, जिनमें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं. शेष बचे तीन अखाड़ों में उदासीन से जुड़े अखाड़े हैं, जिनमें उदासीन श्री पंचायती नया उदासीन अखाडा, निर्वाण अखाड़ा और सबसे आखिर में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा.

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