जमशेदपुर. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि जनजातीय भाषाओं में 10,000 शिक्षकों की बहाली सरकार करेगी. प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं में घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. इसके लिए जिलों से सर्वे रिपोर्ट मंगवायी गयी है. उसके आधार पर करीब 10 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी. यह नौ जनजातीय और छह क्षेत्रीय भाषाओं में होगी. इसके लिए पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में क्षेत्रीय व जनजातीय स्कूलों के मॉडल और पढ़ाई का आकलन किया जायेगा.
मंत्री ने संकेत दिया कि झारखंड की 15 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. विद्यालयों में संताली, हो, खड़िया, कुड़ुख, मुंडारी, माल्तो, बिरहोरी, भूमिज, असुर, बांग्ला, ओड़िया, पंचपरगनिया, खोरठा, कुड़माली व नागपुरी भाषा में शिक्षकों की नियुक्ति होगी.
मीडिया से बातचीत में मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के ट्रांसफर संबंधित नियमों में बदलाव किया जायेगा. शिक्षकों की गृह जिले में स्थानांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जायेगा. मंत्री ने कहा कि स्थानांतरण नियमों की समीक्षा की जा रही है. यह पता चला है कि नियमों की वजह से शिक्षकों का स्थानांतरण और म्यूचुअल ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है, जिससे समस्या हो रही है. इसे देखते हुए यह संशोधन किया जा रहा है.
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में दो गार्ड और एक माली की होगी बहाली
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जमशेदपुर सर्किट हाउस में रविवार को एक बैठक की, जिसमें उपायुक्त अनन्य मित्तल, जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार व जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार ने हिस्सा लिया. इसमें मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया था. पाया कि स्कूलों में सारी व्यवस्थाएं बेहतर हैं, लेकिन स्कूल में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है. ना ही कोई माली है. सीनियर सेक्शन के बच्चे यहां पढ़ाई करते हैं, इसलिए उन्होंने निर्देश दिया है कि तत्काल आउटसोर्स कर सभी स्कूल में में दो-दो सिक्योरिटी गार्ड एवं एक माली की बहाली की जाये.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे लगातार स्कूलों का दौरा कर रहे हैं. शिक्षकों से मिल रहे हैं. इस दौरान एक बात सामान्य तौर पर दिख रही है कि गांव के स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों ने सेटिंग-गेटिंग के जरिए शहर के स्कूलों में अपना प्रतिनियोजन करवा लिया है. इस प्रकार के शिक्षकों की सूची तैयार करने की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है. खास तौर पर हाई स्कूलों में इस प्रकार के शिक्षकों का प्रतिनियोजन टूटेगा.