New Delhi. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी और तुलनात्मक आधार प्रभाव के कारण खुदरा महंगाई जुलाई में घटकर 3.54 प्रतिशत पर आ गयी. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी. करीब पांच साल में यह पहला मौका है जब मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है. सितंबर 2023 से मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी हुई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जून में 5.08 प्रतिशत थी. जबकि बीते साल जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत थी.
आंकड़ों के अनुसार दूध और दूध उत्पादों की वार्षिक मुद्रास्फीति 2.99 प्रतिशत और फल के मामले में 3.84 प्रतिशत रही. वहीं मसाले में 1.43 प्रतिशत की गिरावट जबकि तेल और वसा में 1.17 प्रतिशत की गिरावट रही. एनएसओ ने कहा कि सब्जियों की मूल्य वृद्धि की दर 6.83 प्रतिशत और अनाज तथा अनाज और उत्पादों की 8.14 प्रतिशत थी.
राज्यों में सबसे अधिक मुद्रास्फीति बिहार में 5.87 प्रतिशत और सबसे कम झारखंड में 1.72 प्रतिशत रही. उन्होंने कहा कि अगस्त-सितंबर 2024 के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान खरीफ फसलों के लिए अच्छा है, हालांकि कुछ राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की घटनाओं से खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है.