Chennai. चेन्नई के सदियों पुराने फोर्ट सेंट जॉर्ज क्षेत्र में स्थित एक संग्रहालय की अमूल्य संपत्तियों में एक पुराना भारतीय तिरंगा भी है, जिसे 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र भारत के जन्म के समय फहराए जाने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है. संस्कृति मंत्रालय के अनुसार फोर्ट संग्रहालय में रखा यह तिरंगा शुद्ध रेशम का बना है और 3.5 मीटर लंबा तथा 2.4 मीटर चौड़ा है. उसने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘यह 1947 में फहराए गए तिरंगे झंडो में से बचा हुआ भारत का एकमात्र ध्वज है. यह ध्वज उस संपूर्ण संघर्ष का प्रमाण है, जो भारतीयों ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किया था.’ मंत्रालय ने कहा कि यह ध्वज 15 अगस्त, 1947 को फोर्ट सेंट जॉर्ज में सुबह 5.30 बजे फहराया गया था.
‘पीआईबी कल्चर’ ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें तिरंगे के साथ संग्रहालय की गैलरी की कुछ तस्वीरें हैं. कोरोमंडल तट के साथ साथ चेन्नई के एक छोर पर स्थित इस किले की उत्पत्ति संबंधी जानकारी शहर के इतिहास से जुड़ी हुई है. तमिलनाडु पर्यटन विभाग की वेबसाइट के अनुसार, यह किला 23 अप्रैल, 1644 को सेंट जॉर्ज डे पर बनकर तैयार हुआ था, जिसे बाद में सेंट जॉर्ज फोर्ट नाम दिया गया.
इस किले के अस्तित्व में आने के साथ ही जार्ज टाउन नामक एक नयी बस्ती का जन्म हुआ जिसमें आसपास के गांव भी शामिल किए गए और बाद में यही बस्ती मद्रास यानि के आधुनिक समय का चेन्नई कहलाई. उस समय सत्ता का महत्वपूर्ण केंद्र रहे इस किले की छह मीटर ऊंची दी़वारों ने अठारहवीं सदी में कई हमलों का सामना किया.
वेबसाइट के अनुसार, ‘फोर्ट सेंट जार्ज किले का मुख्य आकर्षण इसका संग्रहालय है जिसे फोर्ट म्यूजियम कहा जाता है. इसमें बहुत ही व्यवस्थित दीर्घाओं में प्राचीन वस्तुओं का विविधतापूर्ण संग्रह है. तीन तलों पर दस दीर्घाओं में आधुनिक भारतीय इतिहास के विभिन्न दौर की 3,661 कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है.
संस्कृति मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता गैलरी भारतीय ध्वज के विकास और राष्ट्रीय ध्वज के पीछे की कहानियों को भी प्रदर्शित करती है. फोर्ट म्यूजियम को 31 जनवरी 1948 को जनता के लिए खोला गया था.