- यूक्रेन संकट खत्म करने के लिए हर संभव सहायता देने को इच्छुक: भारत ने मोदी की कीव यात्रा से पहले कहा
New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस सप्ताह कीव की करीब सात घंटे की यात्रा करने से पहले, भारत ने सोमवार को कहा कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने को इच्छुक है. विदेश मंत्रालय ने मोदी की 23 अगस्त की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह एक ‘महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक’ यात्रा होगी, जो 30 साल पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री पोलैंड से कीव तक ट्रेन से यात्रा करेंगे, जिसमें करीब 10 घंटे लगेंगे. वापसी की यात्रा भी लगभग इतनी ही अवधि की होगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व के कई नेताओं ने भी यूक्रेनी सीमा के पास स्थित पोलिश रेलवे स्टेशन से ट्रेन द्वारा कीव की यात्रा की है. यूक्रेन की यात्रा से पहले, मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा कीव द्वारा रूसी क्षेत्र में ताजा सैन्य आक्रमण के बीच हो रही है. मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के कुछ सप्ताह बाद हो रही है, जिसकी अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी.
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मजबूत और स्वतंत्र संबंध हैं तथा ये साझेदारियां अपने-अपने बूते हैं. उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर सहयोग को मजबूत करेगी.
लाल ने कहा, ‘मैं यह कहना चाहूंगा कि इस यात्रा का उद्देश्य दूसरे के नुकसान से अपना फायदा पाना नहीं है. प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा भी की थी. कई विचारों पर चर्चा की गई थी.यह पूछे जाने पर कि क्या भारत यूक्रेन के पुनर्निर्माण में रुचि रखता है, लाल ने कहा कि नयी दिल्ली न केवल संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए, बल्कि सभी आवश्यक सहायता और योगदान देने के लिए भी तैयार है.