Jamshedpur. पूर्व सांसद सह कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने यूपीएससी में लेटरल एंट्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को सामाजिक न्याय की जीत बतायी. उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के दूसरे नेताओं ने लेटरल एंट्री स्कीम का विरोध किया था. ये उसी विरोध का नतीजा है. अब सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है. डॉ अजय ने कहा कि मोदी सरकार की यह योजना, आरक्षण छीनकर संविधान को बदलने का भाजपाई चक्रव्यूह है. बीजेपी द्वारा लेटरल एंट्री के माध्यम से एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के पद पर आरएसएस के लोगों को नियुक्त करने की योजना थी. मोदी सरकार ने सरकारी महकमों में नौकरियां भरने की बजाय पिछले 10 सालों में अकेले पीएसयू में ही भारत सरकार के हिस्सों को बेच-बेचकर 5.1 लाख पद, भाजपा ने खत्म कर दिए हैं.
इस दौरान कैजुअल और कॉन्ट्रैक्ट भर्ती में 91 फीसदी का इजाफा हुआ है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजति और अन्य पिछड़ा वर्ग के 2022-23 तक 1.3 लाख पद कम हुए हैं. डॉ. अजय ने कहा कि नरेंद्र मोदी, संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीने जाने का प्रयास था. उल्लेखनीय है कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए लेटरल एंट्री से 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी. सरकार के इस फैसले का कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने विरोध किया था.