केएसएमएस शहर का पहला स्कूल बन गया है, जिसने अपने परिसर में बायो-गैस वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया
Jamshedpur. टाटा स्टील यूआइएसएल ने जमशेदपुर में उत्पन्न होने वाले पूरे खाद्य कचरे को मार्च 2026 तक बायो-गैस में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है. स्थायी कचरा प्रबंधन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. टाटा स्टील यूआइएसएल के प्रबंध निदेशक रितु राज सिन्हा ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस ऐतिहासिक पहल की घोषणा की. इसमें शहर के कचरा प्रबंधन प्रणाली को बदलने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की बायो-गैस उत्पादन की क्षमता पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो जमशेदपुर अपने पूरे खाद्य कचरे को बायो-गैस में बदलने वाला पहला शहर बन जायेगा.
राज सिन्हा ने बताया कि वर्तमान में जमशेदपुर प्रतिदिन लगभग 260 टन कचरा उत्पन्न करता है, जिसमें से 40 प्रतिशत खाद्य कचरा होता है. इस कचरे को बायो-गैस में बदलने के महत्वपूर्ण लाभों को बताया. उन्होंने न केवल होटलों और रेस्तरां को, बल्कि व्यक्तिगत घरों को भी इस पहल में भाग लेने का आग्रह किया. साथ ही सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इस पहल को पहले से ही व्यापक समर्थन मिल रहा है. जमशेदपुर के आसपास के 20 प्रतिष्ठानों ने बायो-गैस वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया है. इनमें से पांच प्रमुख होटलों और रेस्तरां ने इस तकनीक को अपनाया है.
श्री सिन्हा ने मंगलवार को अकिनो लग्जरी होटल, प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय रेस्तरां दशा प्रकाश और केरल समाजम मॉडल स्कूल (केएसएमएस) में बायो-गैस सिस्टम का उद्घाटन किया. विशेष रूप से, केएसएमएस शहर का पहला स्कूल बन गया है, जिसने अपने परिसर में बायो-गैस वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया और इसने क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक उदाहरण पेश किया है. इस अवसर पर टाटा स्टील यूआइएसएल के मुख्य डिविजनल मैनेजर एमएस शेखावत, महाप्रबंधक आरके सिंह, जमशेदपुर होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन (जेएचआरए) के अध्यक्ष रविश रंजन, कृष्णा भालोटिया, नवीन भालोटिया और दिशिका भालोटिया उपस्थित थे.