Mumbai. बैंक एक महीने में 25 वर्ष से कम आयु के स्नातकों को ‘अप्रेन्टिस’ के रूप में भर्ती करने पर विचार कर रहे हैं. उद्योग लॉबी समूह भारतीय बैंक संघ के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता ने शुक्रवार को कहा कि बैंक ऐसे इन्टर्न को 5,000 रुपये प्रति माह का मानदेय देंगे, जिन्हें कार्यकाल के दौरान विशिष्ट कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
यह कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट घोषणा के बाद उठाया गया है, जिसके तहत सरकार अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में प्रशिक्षण (इंटर्नशिप) प्रदान करने का लक्ष्य रख रही है. योजना के क्रियान्वयन में बैंकों की भूमिका के बारे में बताते हुए मेहता ने कहा, ‘‘ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हमें कुशल जनशक्ति की आवश्यकता नहीं है, उदाहरण के लिए विपणन, रिकवरी। हम उन्हें उन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दे सकते हैं और वे अपने लिए रोजगार सृजित कर सकते हैं.
मेहता ने कहा कि ‘अप्रेन्टिस’ के लिए आवेदन करने वाले अभ्यार्थी की आयु 21-25 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा वह स्नातक होना चाहिए, करदाता नहीं होना चाहिए तथा उसके पास आईआईटी या आईआईएम जैसे शीर्ष संस्थानों से डिग्री नहीं होनी चाहिए. मेहता ने यह भी संकेत दिया कि ऐसे इंटर्न को, जिन्हें 12 महीने तक के लिए काम पर रखा जा सकता है, बैंकिंग सेवाओं को अंतिम छोर तक ले जाने के लिए कारोबार प्रतिनिधि जैसे अन्य क्षेत्रों में भी काम पर रखा जाएगा.
मेहता ने कहा कि ऐसे उम्मीदवार बैंकों में काम करने के बाद ‘गायब’ नहीं हो जाएंगे, बल्कि यह भी संभावना है कि उनमें से कुछ को कर्मचारी के रूप में शामिल कर लिया जाएगा. मेहता ने कहा कि आईबीए ने योजना के कार्यान्वयन के संबंध में बृहस्पतिवार को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि इसे एक महीने के भीतर लागू किया जा सकता है.
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि बैंक कितने अप्रेन्टिस को नियुक्त करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि सभी बैंक इस पहल में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार का सहयोग भी मिलेगा।