New Delhi. बांग्लादेश के वित्तीय अधिकारियों ने चिन्मय कृष्ण दास सहित इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों से लेन-देन पर 30 दिन के लिए रोक लगाने का आदेश दिया है. दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक के तहत आने वाली बीएफआइयू ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से इन खातों से संबंधित जानकारी तीन कार्य दिवस में भेजने को कहा है. इन 17 लोगों के स्वामित्व वाले सभी तरह के कारोबारों के सभी खातों के अपडेट लेन-देन के विवरण मांगा गया है. दास सहित 19 लोगों के खिलाफ 30 अक्तूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में राजद्रोह का एक मामला दर्ज किया गया था.
इधर, दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में आक्रोश व्याप्त है. देश के कई हिस्सों में उनके अनुयायी प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, इस्कॉन बांग्लादेश ने गुरुवार को संत चिन्मय दास से दूरी बनाते हुए उन्हें संगठन का आधिकारिक सदस्य मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन शुक्रवार को इस्कॉन ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वे चिन्मय दास के साथ खड़ा है. इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि अनुशासन भंग के कारण उन्हें पदों से हटाया गया था, लेकिन संगठन ने उनके शांतिपूर्ण आह्वान का समर्थन करने से कभी पीछे नहीं हटेगा.
यूनुस सरकार को अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए : भारत
भारत ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार (मोहम्मद यूनुस) को सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. साथ ही, उसने पड़ोसी देश में उग्र बयानबाजी और हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता जतायी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ खतरों और लक्षित हमलों का मुद्दा लगातार और दृढ़ता से उठाया है. इस मामले पर हमारा रुख स्पष्ट है. अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.