Vatican City. दुनिया भर के ईसाई कैथोलिक धर्मालंबियों के लिए बुधवार को क्रिसमस के साथ ही 2025 पवित्र वर्ष समारोह की शुरुआत हो गई. और इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु वेटिकन सिटी के विश्वप्रसिद्ध सेंट पीटर्स गिरिजाघर में प्रवेश के लिए पवित्र द्वार के बाहर कतार में नजर आए. एक अनुमान के मुताबिक पवित्र वर्ष के दौरान 3.2 करोड़ श्रद्धालुओं के रोम पहुंचने की उम्मीद है.
मान्यता के मुताबिक पवित्र द्वार से गुजरने वाले श्रद्धालु को उसके पापों के लिए क्षमा मिल सकती है. इस परंपरा की शुरुआत 1300 ईस्वी में हुई थी और हर 25 साल पर पवित्र वर्ष आता है. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, पोप फ्रांसिस ने दरवाजा खटखटाया और सबसे पहले पवित्र द्वार से अंदर आए, तथा 2025 की जयंती का उद्घाटन किया, जिसे उन्होंने आशा को समर्पित किया.
जर्मनी में क्रिसमस बाजार पर हुए घातक हमले के बाद सुरक्षा संबंधी नई आशंकाओं के बीच श्रद्धालु पवित्र द्वार में प्रवेश करने से पहले कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरे. कई श्रद्धालु गुजरते समय दरवाजे को छूने के लिए रुके और रोमन कैथोलिक चर्च के संस्थापक सेंट पीटर को समर्पित गिरिजाघर में प्रवेश करने पर ‘क्रॉस’ का चिह्न बना कर प्रार्थना की.
पोप फ्रांसिस दोपहर को ‘उर्बी एट ओर्बी’ (शहर और विश्व के लिए) संबोधन देंगे, जो इस वर्ष विश्व के समक्ष उपस्थित संकटों का सारांश होगा. यहूदी धर्म का आठ दिवसीय प्रकाशोत्सव हनुक्का भी इस वर्ष क्रिसमस के दिन से शुरू हो रहा है. 1900 के बाद से अब तक केवल चार बार ऐसा हुआ है. दोनों धर्मों के त्योहार एक साथ पड़ने से कुछ धार्मिक नेता अंतरधार्मिक समारोहों के आयोजन के लिए प्रेरित हुए हैं, जैसे कि पिछले सप्ताह ह्यूस्टन, टेक्सास में कई यहूदी संगठनों द्वारा आयोजित चिकनुका पार्टी, जिसमें शहर के लातीनी और यहूदी समुदाय के सदस्य एकत्रित हुए थे.