Jamshedpur. टाटा स्टील में वेज रिवीजन समझौता होने में अभी देर लगेगी. टाटा वर्कर्स यूनियन ने फिलहाल स्ट्रैटेजी के तहत वेज रिवीजन समझौता को लेकर वार्ता रोक दी है. दरअसल, कंपनी अभी ज्यादा मुनाफा में नहीं है. इस कारण अभी अगर वार्ता होगी तो वर्तमान हालात को लेकर बातें होगी और यह हो सकता है कि मैनेजमेंट की ओर से दबाव बनाया जाये कि कम ही वेतन बढ़ोत्तरी हो और ज्यादा समय के लिए समझौता किया जाये. ऐसे में अभी संकट के हालात को टलने का इंतजार यूनियन कर रही है. लेकिन अभी विपरित हालात में समझौता नहीं करने को यूनियन तैयार नहीं है.
इस बीच यूनियन ने लिखित तौर पर ले लिया है कि इएसएस या कंपनी से रिटायर होने वाले कर्मचारियों को जब भी समझौता होगा, तब उसका पैसा जोड़कर मिल जायेगा. वैसे भी पहले भी वेज रिवीजन समझौता तय समय पर नही हुआ है. बाद में चलकर वेज रिवीजन समझौता हुआ है और कर्मचारियों को एरियर की राशि मिलती है, जो इस बार भी मिलेगी. पिछली बार 24 सितंबर 2019 को वेज रिवीजन समझौता हुआ था. करीब 21 माह के इंतजार के बाद यह समझौता हुआ था. 1 जनवरी 2018 से नया वेज रिवीजन समझौता लागू किया गया था और समझौता 24 सितंबर 2019 को हुआ था. इस बीच का 21 माह का पैसा कर्मचारियों को एरियर के रुप में दिया गया था. टाटा स्टील में कर्मचारियों के वेज रिवीजन समझौता एक जनवरी 2025 से लंबित हो चुका है. इसे लेकर अब चार्टर्ड ऑफ डिमांड तैयार कर भेजा जा चुका है.
आइबी पर प्वाइंट वैल्यू पर भी अलग से होगा समझौता
टाटा स्टील के कर्मचारियों का आइबी पर प्वाइंट वैल्यू पर भी समझौता होना है. इसे लेकर भी वार्ता करने की बारी है. इसे लेकर कर्मचारियों की ओर से दबाव बनाया जा रहा है. चूंकि आइबी पर प्वाइंट वैल्यू लंबित हो चुका है और कर्मचारियों का अगर यह समझौता नहीं हुआ, तो यह लंबित रह जायेगा और एरियर की राशि भी नहीं मिलेगी. यही वजह है कि आइबी पर प्वाइंट वैल्यू को पहले करने का दबाव बनाया जा रहा है.