Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने नगर निगम व निकाय चुनाव मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. नगर निकाय चुनाव संपन्न कराने के लिए राज्य सरकार ने चार माह का समय देने का आग्रह किया. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद एकल पीठ के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार को नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने को कहा. अदालत ने भारत निर्वाचन आयोग को नगर निकाय चुनाव को लेकर एक जनवरी 2025 तक का पुनरीक्षित वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
अदालत ने पूछा कि आयोग की ओर से पुनरीक्षित वोटरलिस्ट कब तक उपलब्ध कराया जायेगा. इस बिंदु पर जवाब दायर किया जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने एक सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा. मामले की सुनवाई के दाैरान मुख्य सचिव अलका तिवारी अदालत में सशरीर उपस्थित थीं. अदालत ने एकल पीठ के तीन सप्ताह में नगर निकाय चुनाव कराने के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर सवाल उठाया. इस पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि पिछड़े वर्गों को नगर निकाय चुनाव में आरक्षण देने की पात्रता निर्धारण के लिए जिलास्तर पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया चल रही है.
कई जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो गयी है. कुछ जिलों में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया बाकी है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा. भारत निर्वाचन आयोग से पुनरीक्षित वोटर लिस्ट भी नहीं मिल पाया है. वैसी स्थिति में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने नगर निकाय चुनाव संपन्न कराने के लिए राज्य सरकार को चार माह का समय देने का आग्रह किया. वहीं भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि 13 जनवरी को ही अक्तूबर 2024 तक का वोटरलिस्ट उपलब्ध करा दिया गया है. पुनरीक्षित वोटरलिस्ट उपलब्ध कराने के बिंदु पर जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया.