महाकुम्भ नगर. श्री पंचायती महानिर्वाणी में 250 नागा संन्यासियों ने पिंडदान कर मोहमाया का त्याग किया. अखाड़े की परम्परा के साथ सभी नागा संन्यासियों का दीक्षा संस्कार कराया गया.
सांसरिक मोह माया का त्याग करके 250 लोगों ने शनिवार को आजीवन अखाड़े के साथ सामाज की सेवा करने का संकल्प लिया. शुक्रवार को उनका मुंडन कराया गया और शनिवार को पतित पावनी मां गंगा में 108 बार डुबकी लगाई और धर्मध्वजा की पूजा कर सन्यास ग्रहण किया.
इसके बाद सभी नागा सन्यासियों का विजया हवन कराया गया. इसके साथ ही आजीवन अखाड़ा व सनातन धर्म की सेवा करने का बचन बध हुए. अखाड़े के सचिव श्री महंत यमुनापुरी ने बताया कि नागा संन्यासियों को अमृत स्नान से पूर्व दीक्षा दी जाएगी और अमृत स्नान में सबसे पहले नागा सन्यासी स्नान करेंगे, उसके बाद अखाड़े के अन्य संत स्नान करेंगे. नागा संन्यासी सनातन धर्म का प्रचार—प्रसार करने साथ ही रक्षक के रूप में आजीवन कार्य करतें है.