Jamshedpur. टाटा स्टील के कोक प्लांट के बैटरी 7 के क्लोजर पर मुहर लग गयी. इस तरह अब बैटरी 7 इतिहास के पन्नों में समां गया. इसके साथ ही गुरुवार को वहां के मैनपावर को लेकर समझौता पर हस्ताक्षर भी हो गया. गुरुवार को काफी जद्दोजहद के बाद टाटा वर्कर्स यूनियन का शीर्ष नेतृत्व के विटो पावर के बाद 59 लोग को सरप्लस होने से बचाया जा सका. बैटरी 7 में 291 कर्मचारी कार्यरत थे. लेकिन मैनेजमेंट ने प्रस्ताव दे दिया था कि कुल 175 लोगों को सरप्लस पुल में भेजा जायेगा, क्योंकि उनको कोई काम नहीं होगा. लेकिन टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु ने कमेटी मेंबरों के आग्रह के बाद विटो पावर लगाया, जिसके बाद इसकी संख्या घटी और गुरुवार को काफी जद्दोजहद के बाद समझौता पर हस्ताक्षर कर लिया गया. इसके तहत अब 175 नहीं बल्कि 116 लोग ही सरप्लस पुल में जायेंगे. इसमें कमेटी मेंबर शामिल हैं.
कमेटी मेंबर आरसी झा और शशिभूषण पिंगुआ भी हुए सरप्लस
कद्दावर कमेटी मेंबर आरसी झा और शशिभूषण पिंगुआ शामिल हैं. ये लोग भी सरप्लस पुल में ही जायेंगे. गुरुवार को हुई मीटिंग के बाद ऑपरेशन में 16 को सरप्लस पुल में भेजने का प्रस्ताव मैनेजमेंट ने भेजा था, जो मान लिया गया. कॉमन सर्विसेज में 5 लोगों को सरप्लस पुल में भेजने का प्रस्ताव था, जो मान लिया गया. मैकेनिकल मेंटेनेंस में 26 लोगों को रोकने का प्रस्ताव था, जिसको बढ़ाया गया और तय किया गया कि यहां अब 41 कर्मचारी रहेंगे. इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस में कुल 49 कर्मचारी को ही रखने का प्रस्ताव था, जिसके बाद इसकी संख्या को बढ़ाकर 64 तय कर दिया गया. एक साल बाद रिटायरमेंट ऑपरेशन में 7 लोग है, जो पद खाली एक साल बाद हो जायेगा. गुरुवार को सारे कर्मचारियों को सरप्लस करने के लिए मैनेजमेंट के अधिकारी पर निर्भर किया. पहले सीनियरिटी के आधार पर होता था.
सरप्लस कर्मचारी यहां करेंगे रिपोर्ट
गुरुवार को हुए समझौता में तय किया गया कि जो कर्मचारी सरप्लस हुए है, वे लोग साकची के पुराने केरला समाजम स्कूल बिल्डिंग में रिपोर्ट करेंगे, जहां कैंटीन, कंप्यूटर, कुर्सी और टेबुल है. वहां वे लोग सामान्य कामकाज कर सकेंगे. इस समझौता में यह तय किया गया कि भविष्य में कोक प्लांट में जहां वेकेंसी होगी, वहां उनको मौका दिया जायेगा.