गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में पुलिस महकमे में एक बड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया है. जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के आदेश पर 53 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह मामला पुलिस अधिकारियों द्वारा जांचों के मामले में कथित अनियमितताएं करने से जुड़ा है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि जब इनका तबादला दूसरे जिलों में हुआ, तो उन्होंने पुराने मामलों का प्रभार नए अधिकारियों को सौंपने में विफल रहे, जिसके कारण कई मामलों में देरी और अनदेखी हुई.
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक, अवधेश दीक्षित ने यह आदेश दिया है कि 53 पुलिस अधिकारियों पर आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया जाए. इन अधिकारियों पर आरोप है कि वे अपनी जिम्मेदारियों से भागे और उनके द्वारा किए गए मामलों को ठीक से हैंडल नहीं किया. खासकर तब जब ये अधिकारी अन्य जिलों में तबादला हो गए थे, तब इन मामलों के प्रभार को अपने उत्तराधिकारी अधिकारियों को सौंपने में उन्होंने लापरवाही बरती.
यह मामला मुख्य रूप से पुराने मामलों में अनियमितताओं का परिणाम बताया जा रहा है. जांच अधिकारियों ने इन मामलों को लंबित छोड़ दिया, जिसके कारण इन मामलों का निष्कर्ष निकलने में कई साल लग गए. जानकारी के अनुसार, ये मामले पांच से दस साल पुराने हैं.
गोपालगंज जिले में ये मामले कुचायकोट, गोपालपुर, महम्मदपुर और बरौली थाना से जुडें हैं. पुलिस अधिकारियों पर धारा 316(5) के तहत आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है.
प्राथमिकी में सुमन कुमार मिश्रा, अवधेश कुमार, कृष्णा तिवारी, शंभू मांझी, रितेश कुमार सिंह, भगवान तिवारी, अंबिका प्रसाद मंडल, रामवृक्ष पासवान, अर्जुन प्रसाद, अजय कुमार, बिनोद कुमार.अनिल कुमार सिंह, कपिलदेव सिंह, सोमारू राम, मुनीलाल सिंह, गिरजा प्रसाद सिंह, एमके तिवारी, रामबली सिंह, डोमन रजक, विजय कुमार सिंह, चंद्रिका प्रसाद, महामाया प्रसाद, जितेंद्र कुमार सिंह, रूपेश कुमार मिश्रा, बदरी प्रसाद यादव, दिलीप कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह, निल कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, बागेश्वर राम का नाम शामिल है. .
एसपी अवधेश दीक्षित का कहना है कि उनकी यह कार्रवाई पुलिस महकमे में अनुशासन लाने के लिए है और इसे एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाना चाहिए.