
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के एक सरकारी विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ महिला प्रोफेसर द्वारा क्लासरूम में एक छात्र के साथ ‘विवाह’ करने का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया. मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि, प्रोफेसर ने दावा किया कि यह उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा था और उन्होंने एक साइको-ड्रामा प्रदर्शन किया था.
यह घटना नदिया जिले के हरिनघाटा स्थित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (मकौत) के मनोविज्ञान विभाग में हुई. वायरल वीडियो में प्रोफेसर को एक दुल्हन की तरह सजे हुए दिखाया गया, जबकि प्रथम वर्ष के एक छात्र के साथ उन्होंने हिंदू बंगाली विवाह की विभिन्न रस्में निभाईं, जिनमें ‘सिंदूर दान’ और ‘माला बदल’ भी शामिल थे.
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में नाराजगी फैल गई, जिसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर प्रोफेसर से स्पष्टीकरण मांगा. प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय प्रशासन को बताया कि यह एक साइको-ड्रामा का प्रदर्शन था, जो उनके शिक्षण का हिस्सा था, न कि कोई वास्तविक घटना. उन्होंने दावा किया कि यह वीडियो केवल विभागीय दस्तावेज़ीकरण के लिए बनाए गए थे, लेकिन किसी ने उन्हें लीक कर विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की.
हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसर को जांच पूरी होने तक अवकाश पर भेज दिया है.
इस जांच समिति में अन्य विभागों की तीन महिला फैकल्टी सदस्य शामिल हैं. मकौत के कार्यवाहक कुलपति तापस चक्रवर्ती ने कहा, “प्रोफेसर ने स्पष्ट किया है कि यह उनके विषय का एक प्रदर्शन मात्र था और वीडियो बाहरी प्रसार के लिए नहीं थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें कोई अनुचित या अनैतिक कृत्य नहीं था और यह पूरी तरह से एक अकादमिक परियोजना थी. लेकिन विवाद को देखते हुए और वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण, हमने उन्हें फिलहाल अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया है.”
इसके साथ ही, संबंधित छात्र को भी जांच पूरी होने तक कक्षाओं में शामिल न होने के लिए कहा गया है. प्रोफेसर से इस मामले में प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.
