Beijing.तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई और 188 अन्य घायल हो गए. पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए. क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, भूकंप मंगलवार सुबह (बीजिंग समयनुसार) 9:05 बजे चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाज़े में डिंगरी काउंटी में आया. हालांकि, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है. सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, कम से कम 126 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है तथा 188 अन्य घायल हुए हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए हर संभव प्रयास करने के आदेश दिए. शी ने घायलों के उपचार के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया तथा द्वितीयक आपदाओं (भूकंप के बाद संभावित आपदाओं) को रोकने, प्रभावित निवासियों के समुचित पुनर्वास तथा इसके बाद के कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया. भूकंप के बाद, ‘चीन भूकंप प्रशासन’ ने स्तर-दो की आपात सेवा प्रतिक्रिया शुरू की तथा आपदा राहत प्रयासों में सहायता के लिए एक दल को घटनास्थल पर भेजा.
केंद्रीय प्राधिकारियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में करीब 22,000 आपदा राहत सामग्री भेजी है, जिनमें तंबू, कोट, रजाई और फोल्डिंग बिस्तर के साथ-साथ ऊंचाई वाले और ठंडे क्षेत्रों के लिए विशेष राहत सामग्री भी शामिल है. घटनास्थल पर 1,500 से अधिक स्थानीय अग्निशमन कर्मियों और बचावकर्मियों को भी भेजा गया है. शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की सीमा के करीब है. शिगात्से को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है. यह पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं. तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं.