New Delhi. सरकार ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए कुल 54.03 करोड़ खातों में 11.30 करोड़ खाते निष्क्रिय हैं, जिनमें 14, 750.27 करोड़ रुपये की राशि शेष है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि निष्क्रिय प्रधानमंत्री जनधन योजना खातों की संख्या साल 2017 में 39.62 प्रतिशत थी लेकिन सरकार के प्रयासों के कारण नवंबर 24 में घटकर यह 20.91 प्रतिशत हो गई.
उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से योजना के प्रारंभ होने के बाद से खोले गए जन धन खातों की संख्या और वर्तमान में निष्क्रिय के तौर पर वर्गीकृत किए गए खातों की संख्या की राज्यवार जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में चौधरी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 20 नवंबर 2024 तक, कुल 54.3 करोड़ खाते खोले गए हैं. इनमें से 11.30 करोड़ खाते निष्क्रिय खाते हैं.’
केंद्रीय मंत्री की ओर से दिए गए राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक करीब 9.63 करोड़ खाते खोले गए हैं और इनमें से करीब 2.34 करोड़ खाते निष्क्रिय हैं. इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में खोले गए खातों की संख्या 5.25 करोड़ और निष्क्रिय खातों की संख्या 78.5 लाख हैं. चौधरी की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक कुल निष्क्रिय खातों में कुल 14, 750.27 करोड़ रुपये शेष राशि है.
उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन बचत और चालू खातों को निष्क्रिय माना जाता है जिनमें दो साल से अधिक समय तक ग्राहक द्वारा कोई लेनदेन नहीं किया गया हो. उन्होंने कहा कि बैंक लगातार सक्रिय खातों के प्रतिशत की निगरानी करने के लिए ठोस प्रयास करते हैं और सरकार द्वारा उक्त प्रगति की नियमित निगरानी की जाती है. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वह उन खातों या जमा राशियों की वार्षिक समीक्षा करे जहां एक वर्ष या उससे अधिक समय से ग्राहक द्वारा लेन देन नहीं किया गया हो और इन खातों या जमा राशियों के ग्राहकों का पता लगाने के लिए कदम उठाए.
चौधरी ने कहा कि इसके अतिरिक्त बैंकों को यह सलाह दी गई है कि वह निष्क्रिय खातों की संख्या को कम से काम करने तथा ऐसे खातों को चालू और निर्बाध बनाने की प्रक्रिया को सरल और बाधामुक्त बनाएं. उन्होंने कहा, ‘इसके परिणाम स्वरुप, निष्क्रिय प्रधानमंत्री जन धन योजना खातों की संख्या का प्रतिशत मार्च 17 में 39.62 प्रतिशत से घटकर नवंबर 24 में 20.91 प्रतिशत हो गया है.’