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Jharkhand में सरकारी कार्यालयों के बाहर बिकेंगे ‘Medha Dairy’ के उत्पाद, जमशेदपुर की जगह सरायकेला में डेयरी संयंत्र लगाने का फैसला 

Ranchi. झारखंड प्रशासन ने अपने दुग्ध उत्पाद ब्रांड ‘मेधा’ को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर के सरकारी कार्यालयों के बाहर ‘बूथ’ स्थापित करने का निर्णय लिया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य के स्वामित्व वाली डेयरी ब्रांड ‘मेधा’ झारखंड मिल्क फेडरेशन (जेएमएफ) का एक हिस्सा है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से जेएमएफ राज्य में डेयरी विकास कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि वह सरकार से ‘बूथ’ स्थापित करने के लिए स्थान उपलब्ध कराने का आग्रह करेंगी. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के बाहर ‘मेधा डेयरी’ के लिए अस्थायी ‘बूथ’ भी स्थापित किए जाएंगे.
तिर्की ने बृहस्पतिवार शाम रांची के हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय में जेएमएफ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में मेधा डेयरी उत्पादों को बढ़ावा देने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि विभाग का मानना ​​है कि स्कूली बच्चे ‘ब्रांड’ को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त माध्यम हो सकते हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के बाहर दुग्ध ‘ब्रांड’ के अस्थायी ‘बूथ’ छात्रों को अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की एक किस्म प्रदान करेंगे.
मंत्री ने रांची के मांडर, चान्हो और बेड़ो में ‘मेधा डेयरी बूथ’ खोलने का भी निर्देश दिया.  बयान में कहा गया है कि विभाग ने डेयरी संयंत्र स्थापित करने के लिए जमशेदपुर के बजाय सरायकेला-खरसावां जिले में स्थल का चयन करने का भी निर्णय लिया है. तिर्की ने ग्रामीण समुदायों को जोड़ने, रोजगार के अवसर पैदा करने तथा विभाग को अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए महासंघ के साथ-साथ एक डेयरी सहकारी समिति की स्थापना का भी सुझाव दिया.

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