New Delhi. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने सोमवार को कहा कि विद्यार्थियों के बेहतर मूल्यांकन और उनके सीखने की प्रक्रिया में सुधार के लिए देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों को वार्षिक परीक्षा प्रणाली के बजाय सेमेस्टर पद्धति अपनानी चाहिए. हम चाहते हैं कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन किया जाए. अगर आप साल भर में बस एक बार परीक्षा आयोजित करते हैं, तो इससे विद्यार्थियों को उनकी सीखने की प्रक्रिया में सुधार का संदेश नहीं मिल पाता. इसलिए सेमेस्टर प्रणाली को वैश्विक स्तर पर अपनाया गया है. कुमार ने कहा कि सेमेस्टर के बीच में परीक्षा, अलग-अलग अभ्यासों, परिचर्चाओं में भागीदारी और गृह कार्य के आधार पर भी विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए.
यूजीसी अध्यक्ष ने ‘एक राष्ट्र, एक सदस्यता’ योजना का स्वागत करते हुए कहा कि कम-से-कम 6,300 महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को इस योजना का फायदा मिलेगा, जिससे उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध का ढांचा मजबूत होगा.
उन्होंने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में संविधान की मूल भावना के मुताबिक सामाजिक न्याय, समानता और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. पिछले चार साल में कई विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में बदलाव देखे गये हैं. यूजीसी वर्ष 2035 तक देश के सकल नामांकन अनुपात (जीइआर) को बढ़ा कर 50 फीसद के स्तर पर पहुंचाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है. जो राज्य नयी राष्ट्रीय नीति लागू करने में पिछड़ रहे हैं, हम उनके साथ भी काम कर रहे हैं.