Prayagraj. महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराने के लिए मेला प्रशासन पूरे मेला क्षेत्र में 30 पौराणिक द्वारों का निर्माण करा रहा है. मेला प्रशासन के मुताबिक, मेला क्षेत्र में एक द्वार पर विशाल डमरू बनाया गया है तो अन्य पर कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार बनाए गए हैं. मेला प्रशासन के अनुसार प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से आए कारीगरों ने इन द्वारों का निर्माण किया है.
मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही 14 रत्न वाला द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करता दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि इस द्वार में ऐरावत, कामधेनु गाय, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, सारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत कलश आदि शामिल हैं.
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू नजर आएगा, जिसकी लंबाई 100 फुट और ऊंचाई लगभग 50 फुट से भी अधिक है. उन्होंने बताया कि इस विशालकाय डमरू को बनाने में बड़ी संख्या में कारीगर जुटे हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा समुद्र मंथन द्वार और कच्छप द्वार समेत 30 विशेष तोरण द्वार श्रद्धालुओं को पौराणिकता की अनुभूति करा रहे हैं.
गुजरात से ‘वाटर एंबुलेंस’ महाकुम्भ नगर लेकर आया एनडीआरएफ
महाकुम्भ में स्नान के दौरान किसी अनहोनी से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) गुजरात से एक ‘वाटर एंबुलेंस’ लेकर मंगलवार को महाकुम्भ नगर पहुंच गया. एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) मनोज शर्मा ने बताया कि यह ‘वाटर एंबुलेंस’ मेले के दौरान जल में भ्रमणशील रहेगा और किसी तरह की अनहोनी की स्थिति में श्रद्धालुओं का मौके पर ही इलाज शुरू किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इस ‘वाटर एंबुलेंस’ को गुजरात से यहां लाया गया है और इसे चलता फिरता एक अस्पताल मान सकते हैं. उन्होंने बताया कि मेला संपन्न होने के बाद इसे एनडीआरएफ के वाराणसी केंद्र भेज दिया जाएगा.
महाकुम्भ में पहली बार भारतीय वायुसेना ने भी शिविर लगाया
भारतीय वायुसेना ने महाकुम्भ में वायु सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों को स्नान और ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महाकुम्भ मेले में पहली बार अपना शिविर लगाया है. मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह पहली बार है कि भारतीय वायुसेना ने भी कुम्भ के मेले में शिविर लगाया है. उन्होंने कहा कि इससे वायुसेना के जवान, अधिकारी और भूतपूर्व सैनिक पुण्य के भागी बन सकेंगे. वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना का शिविर महाकुम्भ के सेक्टर 3 में स्थापित किया गया है जोकि बड़े हनुमान जी मंदिर के नजदीक है.