जमशेदपुर : चंपई सोरेन झारखंड में आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, उन्होंने हाल ही में झामुमो के साथ अपने रिश्तों में खटास के बाद भाजपा में जाने का मन बना लिया है।
झामुमो के भीतर कई मुद्दों को लेकर उनके असंतोष ने उन्हें एक नया राजनीतिक मार्ग चुनने पर मजबूर कर दिया था। उनकी पिछली दिल्ली यात्रा में भी इस नई दिशा के संकेत स्पष्ट रूप से मिले थे.
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने चंपई सोरेन की स्थिति का गहराई से विश्लेषण किया और पाया कि उनका पार्टी में शामिल होना आदिवासी वोटों को अपने पक्ष में मोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना था कि चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से झारखंड विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटों को अपनी ओर एक बड़ा मोड़ दिया जा सकता है.
इधर जवाब में झामुमो ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। चंपई के विकल्प के रूप में पूर्व भाजपा नेता रमेश हांसदा, वास्को बेसरा, गणेश महली झारखंड प्रदेश आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष जसाई मार्डी को देखा जा रहा है।
अब इन चारों में किसे मौका मिलता है या कोई नया चेहरा अवतरित होता है यह देखने लायक होगा। गणेश महली बेहद कम अंतरों से दो बार चंपई से पिछले चुनाव में हारे थे, जबकि रमेश हांसदा चंपई के खिलाफ ही बगावत करके झामुमो से भाजपा में आए थे।
इधर बास्को बेसरा हर हाल में निर्दलीय या किसी भी दल से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में से एक है तो जसाई मार्डी के समर्थक ही सरायकेला में चंपई के खिलाफ योजनाओं में गड़बड़ी का आरोप लगा आंदोलन कर रहे है।
अब देखना यह है कि झामुमो और इंडिया गठबंधन भाजपा के नए दांव का किस प्रत्याशी के सहारे जवाब देती है।
विमल अब्राहम,9852225588