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Bengal Vs Jharkhand: भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद झारखंड-बंगाल सीमा पर हजारों ट्रक फंसे, मामला बिगड़ा तो बदला फैसला

धनबाद/कोलकाता. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा पड़ोसी राज्य झारखंड से आने वाले भारी वाहनों के प्रवेश पर कथित रूप से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दोनों राज्यों की सीमा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग दो और राष्ट्रीय राजमार्ग चार पर हजारों ट्रक फंस गये हैं. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. धनबाद की उपायुक्त माधवी मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि झारखंड के ट्रकों को पश्चिम बंगाल के डिबुडीह चेकपोस्ट पर रोका गया.

मिश्रा ने कहा, “हमने प्रखंड विकास पदाधिकारी से रिपोर्ट ली है. वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसकी जानकारी दे दी गयी है. सरकार के स्तर पर बातचीत चल रही है. ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (पूर्व) के प्रमुख सुनील अग्रवाल ने कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग दो और राष्ट्रीय राजमार्ग छह पर हजारों ट्रक फंसे हुए हैं. सीमा बंद होने के कारण महाराष्ट्र के करीब 10 ट्रक फंस गए हैं.

फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीटीओए) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुभाष बोस ने दावा किया कि बंगाल ने सुबह से ही पड़ोसी राज्य झारखंड के साथ सभी सीमाएं बंद कर दी हैं. देबुडीह चेकपोस्ट पर तैनात बंगाल पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बंगाल सरकार ने दामोदर घाटी निगम (केंद्रीय सरकारी इकाई) द्वारा संचालित मैथन और पंचेत बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने के विरोध में झारखंड से ट्रकों के प्रवेश पर कथित रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम बर्धमान और मेदिनीपुर जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई है.

डीवीसी के एक अधिकारी के अनुसार झारखंड में भारी वर्षा के कारण मैथन बांध से लगभग 58,451 एकड़ फीट पानी और पंचेत बांध से 220,640 एकड़ फीट पानी छोड़ा गया. अधिकारी ने स्पष्ट किया कि नयी दिल्ली स्थित केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के निर्देश पर पानी छोड़ा गया था, लेकिन अब इसे रोक दिया गया है. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बाढ़ जैसी स्थिति के लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) जिम्मेदार है.

झामुमो महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ममता बनर्जी के सीमा सील करने के फैसले से उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. अगर झारखंड अपनी सीमा सील करता है तो पश्चिम बंगाल भारत के पश्चिम, उत्तर और दक्षिणी हिस्सों से कट जाएगा. मैं दीदी से संवेदनशील होने का आग्रह करूंगा. मालवाहक वाहन आपके राज्य में बाढ़ लाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं.

झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि झारखंड सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए डीवीसी और पश्चिम बंगाल सरकार के संपर्क में है. वहीं डीवीसी ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि पानी छोड़ने का निर्णय पश्चिम बंगाल जल संसाधन विभाग, झारखंड जल संसाधन विभाग और डीवीसी की तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था.

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