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Bihar Flood: नेपाल में बाढ़, भूस्खलन से करीब 200 लोगों की जान गई, दरभंगा, सीतामढ़ी में तटबंधों में दरार से बाढ़ की स्थिति बिगड़ी, एनडीआरएफ की छह टीमें और बुलाई गयीं

Patna. नेपाल में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर लगभग 200 हो गई, जबकि कम से कम 30 लोग अब भी लापता हैं. पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई. इधर, बिहार के दरभंगा में कोसी नदी और सीतामढ़ी में बागमती नदी के तटबंधों में नयी दरारें आने के बाद सोमवार को राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई. अधिकारियों के अनुसार,कल रात बाढ़ के कारण उफनती कोसी नदी ने किरतपुर प्रखंड के पास अपने तटबंध तोड़ दिये, जिससे किरतपुर और घनश्यामपुर प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा, सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के रूपौली गांव के समीप कल रात बागमती नदी के तटबंध टूट गये और एक स्थान पर पानी का रिसाव होने लगा.

बाढ़ का असर

इस बीच शिवहर जिले के तरियानी छपरा गांव के पास रविवार की शाम बागमती के पश्चिमी तटबंध टूटने से तरियानी छपरा सहित आसपास के गांवों में पानी भर गया. इससे पहले रविवार को सीतामढ़ी के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई. पश्चिम चंपारण में गंडक नदी के बाएं तटबंध में पानी के अत्यधिक दबाव के कारण क्षति पहुंची, जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर गया था.
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को बताया, ‘‘घबराने की बात नहीं है… स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. जल संसाधन विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं और चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से तटबंधों में दरार की कुल छह घटनाएं सामने आई हैं. उनमें से कुछ की मरम्मत पहले ही हो चुकी है और कुछ जगहों पर मरम्मत का काम जारी है.

बाढ़ का असर

मंत्री ने कहा, ‘‘रविवार को दरभंगा के वाल्मीकि नगर और किरतपुर से भी तटबंधों के ऊपर पानी बहने की खबर थी. लेकिन अब नदियों में जलस्तर घट रहा है… बाढ़ के कारण बिहार में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सोमवार को जारी बुलेटिन में कहा गया है, ‘उत्तर बिहार में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, उत्तर प्रदेश के वाराणसी और झारखंड के रांची से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) की छह अतिरिक्त टीमें बुलाई गई हैं. यह एनडीआरएफ की 12 टीमों और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) की 22 टीमों के अतिरिक्त है, जो वर्तमान में बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान में लगी हुई हैं.

अधिकारियों ने कहा कि छोटी नदियों में जलस्तर घटने के बावजूद, बाढ़ से प्रभावित 16 लाख से अधिक लोगों के लिए स्थिति गंभीर बनी हुई है.बिहार सरकार ने शनिवार और रविवार को वीरपुर और वाल्मीकि नगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है.

गंडक और कोसी नदियों में पानी का दबाव घटा

गंडक और कोसी नदियों पर स्थित वाल्मीकि नगर और वीरपुर बैराज पर पानी का दबाव सोमवार को कम हो गया, जिससे पानी का बहाव घट गया. रविवार को वाल्मीकि नगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो सोमवार को सुबह आठ बजे तक घटकर 1.89 लाख क्यूसेक रह गया. इसी तरह, वीरपुर बैराज से रविवार को 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो सोमवार को सुबह आठ बजे तक घटकर 2.88 लाख क्यूसेक रह गया. राज्य के बाढ़ से प्रभावित जिलों में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और भोजपुर आदि शामिल हैं.

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