Mumbai. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक कारोबारी परिदृश्य के बीच भारत में अगले कैलेंडर वर्ष में 9.5 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी होने का अनुमान है. एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है. वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एऑन पीएलसी के ‘30वें वार्षिक वेतन वृद्धि और कारोबार सर्वेक्षण’ के मुताबिक, वर्ष 2025 में कर्मचारियों के कुल वेतन में औसतन 9.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है जबकि मौजूदा कैलेंडर साल 2024 में वेतन में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियरिंग, विनिर्माण एवं खुदरा उद्योगों में 10 प्रतिशत वेतनवृद्धि होने का अनुमान है. इसके बाद वित्तीय संस्थानों में 9.9 प्रतिशत की वेतन वृद्धि हो सकती है. हालांकि, साल 2024 की शुरुआत प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए सतर्कता के साथ हुई थी लेकिन वैश्विक क्षमता केंद्रों और प्रौद्योगिकी उत्पादों एवं मंचों के कर्मचारियों को क्रमशः 9.9 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि होने की उम्मीद है.
हालांकि, प्रौद्योगिकी परामर्श एवं सेवा क्षेत्र में वेतन वृद्धि 8.1 प्रतिशत के निचले स्तर पर रह सकती है.
एऑन में भागीदार रूपांक चौधरी ने कहा, ‘वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद हमारा अध्ययन भारत में कई क्षेत्रों में सकारात्मक कारोबारी परिदृश्य को दर्शाता है. यह धारणा स्थानीय बाजार के दम पर आगे बढ़ने वाले कई क्षेत्रों में जारी है और यह विनिर्माण, जीवन विज्ञान एवं खुदरा उद्योगों में अनुमानित वेतन वृद्धि से साफ होती है.’ सर्वेक्षण के मुताबिक, प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में प्रतिभावान कर्मचारियों को अपने साथ रखने के लिए संगठनों को बदलते बाजार के आंकड़ों से अवगत रहना चाहिए और तेजी से विकसित हो रहे वेतन रुझानों को समझना चाहिए.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल औसतन 16.9 प्रतिशत कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी जबकि 2023 में यह अनुपात 18.7 प्रतिशत और 2022 में 21.4 प्रतिशत था. एऑन के सह निदेशक (प्रतिभा समाधान) तरुण शर्मा ने कहा, ‘नौकरी छोड़ने की दर में आई नरमी कंपनियों को आंतरिक विकास, क्षमता निर्माण और दीर्घकालिक उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का एक अनूठा अवसर मुहैया कराती है. आंतरिक स्तर पर प्रतिभा को विकसित कर फर्म नई नियुक्तियों से जुड़ी उच्च लागत में कमी ला सकती है. एऑन का यह सर्वेक्षण 40 उद्योगों में 1,176 से अधिक नियोक्ता संगठनों से मिली सूचनाओं पर आधारित था.