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बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह की बेंच ने फैसला आने तक पूजा खेडकर को मिली सुरक्षा बरकरार रखने का आदेश दिया है.

इस मामले में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने भी याचिका दायर कर पूजा खेडकर पर कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया है. यूपीएससी ने कहा है कि पूजा खेडकर की ओर से दाखिल किये गए जवाबी हलफनामा में झूठा बयान दिया गया है कि यूपीएससी ने उसका बायोमेट्रिक्स एकत्र किया है. यूपीएससी ने कहा है कि उसने अभी तक किसी उम्मीदवार का कोई बायोमेट्रिक्स नहीं लिया है. यूपीएससी ने कहा है कि पूजा खेडकर ने झूठा हलफनामा इसलिए दिया, ताकि अपने पक्ष में फैसला करवाया जा सके. यूपीएससी ने ऐसी ही याचिका हाई कोर्ट की दूसरी बेंच में दाखिल कर रखी है, जिस पर हाई कोर्ट ने पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया है.

दरअसल, हाई कोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 अगस्त को गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया, लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं.

पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके पुलिस ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था. पूजा खेडकर को यूपीएससी ने बर्खास्त कर दिया है. अपनी बर्खास्तगी को पूजा खेडकर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि उन्हें इसकी सूचना प्रेस रिलीज के जरिये मिली थी. उसके बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर की बर्खास्तगी के आदेश की प्रति ई-मेल और उनके पते पर भेजने को कहा था.

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