Mumbai.महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री कौन होगा यह चार दिसंबर को तय हो जाएगा, जब भाजपा विधायक दल अपना नया नेता चुनेगा. यह जानकारी भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को दी. इससे पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया. भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि दो बार मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस को इस शीर्ष पद के लिए दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है. पदाधिकारी ने बताया कि बैठक बुधवार सुबह विधान भवन में होगी.
बीस नवंबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ ने 288 विधानसभा सीट में से 230 सीट पर जीत दर्ज की थी. भाजपा 132 सीट के साथ आगे रही थी, जबकि शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीट मिली थीं.
ऐसी खबरें थीं कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सतारा जिले में अपने गांव दारे का दौरा करके मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा मौका नहीं मिलने को लेकर अपनी अप्रसन्नता जतायी थी, हालांकि उन्होंने कहा था कि व्यस्त चुनाव प्रचार के बाद वह आराम करने के लिए अपने गांव गए थे. शिंदे शुक्रवार को इन अटकलों के बीच सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे कि जिस तरह से नयी सरकार आकार ले रही है, वह उसको लेकर प्रसन्न नहीं हैं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री रविवार दोपहर को ठाणे में स्थित अपने आवास लौट आए.
शिंदे के अचानक ‘‘अस्वस्थ होने’’ और दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ बातचीत के बाद अपने पैतृक गांव जाने के फैसले को लेकर सवाल उठे थे. चुनाव परिणाम आने के चार दिन बाद शिंदे ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी को फोन किया और उनसे कहा कि मैं कोई बाधा नहीं बनूंगा… हम (चुनाव जीतने वाला महायुति गठबंधन) उनके निर्णय का पालन करेंगे. भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी है कि नया मुख्यमंत्री पांच दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं की मौजूदगी में मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेगा. समारोह को लेकर तैयारियां जारी हैं.
‘महायुति’ गठबंधन में भाजपा के दो मुख्य सहयोगी दलों, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), को नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की संभावना है. इस बीच, एकनाथ शिंदे के पुत्र एवं शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने राज्य में बनने वाली नयी सरकार में खुद को उपमुख्यमंत्री का पद मिलने संबंधी अटकलों को निराधार और झूठा बताकर खारिज कर दिया.
सांसद श्रीकांत शिंदे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उनके पास केंद्र में मंत्री बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया क्योंकि वह पार्टी संगठन के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सत्ता के पद की कोई इच्छा नहीं है. मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं.’’ शिवसेना के गृह विभाग के लिए इच्छुक होने की अटकलों के बीच, एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा था कि महायुति के सहयोगी दल आम सहमति से सरकार गठन के तौर-तरीके तय करेंगे. राकांपा नेता अजित पवार सोमवार को दिल्ली रवाना हुए, जबकि एकनाथ शिंदे और फडणवीस मुंबई में ही रहे और वे अपनी पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.