नई दिल्ली. 16 से 20 दिसंबर तक के कारोबारी सप्ताह के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) एक बार फिर सेलर (बिकवाल) की भूमिका में नजर आए. इसके पहले लगातार दो सप्ताह तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बायर (लिवाल) बने हुए थे. इस सप्ताह एफपीआई ने बिकवाली करके भारतीय शेयर बाजार से 976 करोड़ रुपये की निकासी की. माना जा रहा है कि डॉलर इंडेक्स की मजबूती और अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड यील्ड की तेजी के कारण विदेशी निवेशको ने दुनिया के दूसरे स्टॉक मार्केट्स की तरह ही भारतीय स्टॉक मार्केट से भी पैसों की निकासी की है.
नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस सप्ताह की शुरुआत लिवाल के रूप में ही की थी. सप्ताह के पहले दो दिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3,126 करोड़ रुपये की खरीदारी की, लेकिन तीसरे दिन से उनके रुख में बदलाव आ गया. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सप्ताह के अगले तीन दिन के दौरान 4,102 करोड़ रुपये की बिकवाली कर दी. लिवाली और बिकवाली को मिला कर 16 से 20 दिसंबर तक के कारोबारिक सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने कुल 976 करोड़ रुपये की निकासी कर ली.
हालांकि, दिसंबर महीने के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का ओवरऑल रुख पॉजिटिव बना हुआ है. दिसंबर के पहले और दूसरे कारोबारी सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशक लगातार खरीदारी करते रहे थे. इस खरीदारी के कारण इस महीने अभी तक लिवाली और बिकवाली मिला कर एफपीआई ने घरेलू शेयर बाजार में 21,789 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले नवंबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 21,612 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. इसी तरह अक्टूबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 94,017 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड निकासी की थी. भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में किसी एक महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पहली बार 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी.
अक्टूबर के पहले सितंबर के महीने तक एफपीआई लिवाल की भूमिका में कारोबार कर रह थे. खासकर, सितंबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जमकर खरीदारी की थी. सितंबर के महीने में विदेशी निवेशकों के निवेश का आंकड़ा 9 महीने के सर्वोच्च स्तर 57,724 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने लिवाली और बिकवाली को मिलाकर भारतीय शेयर बाजार में ओवरऑल 6,770 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है.