- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने वर्तमान में संचालित सभी एंबुलेंस की जांच का भी दिया निर्देश
- लाखों की एंबुलेंस के कबाड़ बनने की जांच कब करायेंगे मंत्री ! अवैध वसूली पर भी लगाम की उम्मीद
- बुलाने के घंटों बाद मिलता है 108 एंबुलेंस की कॉल सेवा का रिस्पांस, उठाये जाते रहे हैं सवाल
रांची. राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम है कि बीमार की मौत एंबुलेंस के इंतजार में हो जाती है तो प्रसूता का प्रसव घर में. कई जगह तो सूचना देने के बाद भी 108 की सेवा नहीं मिल पाती तो कई बार रिस्पांस मिलने के इतना विलंब होता है कि ….. लोग निजी व्यवस्था से मरीज को अस्पताल पहुंचाने को विवश हैं. नयी सरकार ने इस बदहाल व्यवस्था में सुधार लाने की पहल करने का दावा किया है.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी का दावा है कि अबएंबुलेंस नहीं मिलने के कारण किसी की जान नहीं जाएगी. सरकारी एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर पर शुरू कर दी गयी है. आने वाले दिनों में 500 नई एंबुलेंस की खरीद की जायेगी. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 300 बाइक एंबुलेंस भी चलाने की योजना है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में यह बातें कही. उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित तमाम एंबुलेंस की जांच कराई जाएगी. विभागीय अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं. अक्सर एजेंसी की शिकायतें मिल रही हैं.
डॉ अंसारी की माने तो व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरत पड़ने पर एजेंसी को भी बदलने में देर नहीं की जाएगी. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव व अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की और एंबुलेंस की लचर व्यवस्था को तत्काल ठीक करने का निर्देश दिया. बताया जाता है कि लोगों की आम शिकायत थी कि कॉल करने के बाद भी 108 की एंबुलेंस घंटों बाद पहुंचती है.
इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक बाबूलाल मरांडी ने 108 एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था पर सवाल उठाया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से ही जबाव दिया था कि लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है. कुछ कर्मियों व एजेंसियों की कोताही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वर्तमान व्यवस्था में सुधार लाते हुए भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे. सरकार लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी देगी.
क्या कहा बाबूलाल ने
विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी माना कि आपातकालीन चिकित्सा सहायता के शामिल 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम काफी है. शहरों में औसतन 25 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 40 मिनट का समय तो आम है. हालांकि इसमें भी एंबुलेंस पहुंच जाये इसकी गारंटी नहीं. उन्होंने संवेदनशील 108 एंबुलेंस सेवा का हल निकालने की अपील सरकार से की है.
26 को बैठक करेंगे स्वास्थ्य
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मीडिया से कहा कि रांची के रिम्स में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ानी है. यहां खामियां को दूर करने के लिए 26 दिसंबर को पदाधिकारियों के साथ बैठक करूंगा. तमाम व्यवस्थाओं की जल्द समीक्षा की जाएगी. उन्होंने रिम्स-2 के निर्माण की भी बात कही. कहां कि रांची के सदर अस्पताल की तर्ज पर पांच जिलों के सदर अस्पताल को और बेहतर बनाया जाएगा. इनमें गांडेय (गिरिडीह), जामताड़ा और बरहेट (साहिबगंज) के सदर अस्पताल भी शामिल हैं. पीएचसी-सीएचसी और सब सेंटर की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाएगा.
एमजीएम में एक करोड़ से खरीदी दो कार्डियक एंबुलेंस बेकार
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कार्डियक एंबुलेंस एमजीएम अस्पताल में बिना उपयोग के ही बर्बाद हो गई. यह अब चलने लायक तक नहीं है. एंबुलेंस में लगे लाखों रुपए की कार्डियक मशीन, वेंटिलेटर, हैंड ऑक्सीजन, पंप ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलेंडर, बेसिन तक गायब हो गई हैं. वर्ष 2011 में नेशनल गेम के दौरान दो कार्डियक एम्बुलेंस खरीदी की गई थी. इस पर लगभग एक करोड़ रुपए खर्च किया गया था.