सरायकेला-खरसावां जिले के प्रभारी उपायुक्त के लिए बालू का अवैध खनन पर अंकुश लगाना बना चुनौती ? पुलिस-प्रेस मैनेज के नाम पर बालू माफिया से कौन कर रहा है वसूली?
सरायकेला-खरसावां जिले में टास्क फोर्स के गठन के बावजूद भी बालू माफिया कर रहे हैं धड़ल्ले से अवैध बालू का उत्खनन।
सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर एवं गम्हरिया थाना क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है। पूर्व में थाना- प्रेस को मैनेज करने के नाम पर आपस में बालू माफियाओं में वसूली की जा रही थी जिसमें दो फाड़ हो गए थे, और मामला गंभीर बन गया था। जिसका समाचार प्रकाशित होने के बाद जिले के तत्कालीन उपायुक्त द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया था। अनुमंडल पदाधिकारी, एसडीपीओ और डीएमओ को संयुक्त रूप से अवैध बालू पर रोक लगाने हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया था। कुछ दिनों तो उपायुक्त के आदेश पर छापामारी होती रही,लेकिन उपायुक्त के अवकाश प्राप्त होते ही जिले के बालू माफिया बेलगाम से बालू खनन कर रहे हैं l बालू माफिया बेधड़क खुलेआम अवैध रूप से बालू का उत्खनन एवं उनका स्टॉक कर रहे हैं। प्रभारी उपायुक्त द्वारा जिले में 24×7 समय नहीं देने के कारण संभवत बालू माफिया बेलगाम हो गए हैं l प्राप्त जानकारी के अनुसार बालू माफियाओं द्वारा एक व्यक्ति को प्रेस और थाना के मैनेज करने के लिए अधिकृत किया गया है ,व्यक्ति कौन है जो प्रेस और थाना को मैनेज करने का काम कर रहा हैै? यह प्रश्न आज चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है lकभी-कभी ऐसे कारोबारके संरक्षक पकड़ गए वाहनों को छुड़वाते देखे गए हैं lसूत्र बताते हैंैंैंैं कि उनके द्वारा प्रेस और पुलिस के नाम पर लगभग ₹6000 प्रतिमाह प्रति ट्रैक्टर वसूली की जा रही है ,और 407 से ₹8000 प्रति माह वसूली जा रही है।
अब देखना यह है कि प्रशासन ,बालू माफियाओं पर अंकुश लगाकर जनता के सारे आरोप को खारिििज कर पाती है अथवा नहीं?