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Ratan Tata: ‘रतन टाटा’ की जयंती आज; कैरियर की शुरुआत जमशेदपुर से की, हर साल 3 मार्च को नहीं भूलते थे आना, जानें कैसे ‘टाटा’ को बनाया वैश्विक ब्रांड

  • रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था, उनका निधन नौ अक्तूबर 2024 को हो गया था

Jamshedpur. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन दिवंगत रतन टाटा की जयंती आज मनायी जा रही है. रतन टाटा का जमशेदपुर से विशेष लगाव था. बढ़ती उम्र के बावजूद उन्होंने जमशेदपुर से अपना नाता बरकरार रखा था. यहां हर साल 3 मार्च को होने वाले स्थपना दिवस के कार्यक्रम में उनकी कोशिश होती थी कि वे इसमें जरूर शामिल हों. गत वर्ष 3 मार्च को यहां पर आयोजित कार्यक्रम में रतन टाटा को आना था. लेकिन, तबीयत खराब होने के चलते वह यहां पर नहीं आ सके थे. उनकी करियर की शुरुआत भी यहीं से हुई थी. रतन टाटा का निधन नौ अक्तूबर 2024 को हो गया था. उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. इसके बाद वे 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे और अंत समय तक टाटा समूह की संचालक संस्था टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन बने रहे.

रतन टाटा को जानें
1937 में रतन टाटा का जन्म सूरत में सुनू और नवल टाटा के घर हुआ था. 1955 में 17 वर्ष की आयु में कॉर्नेल विश्वविद्यालय (इथाका, न्यूयॉर्क, यूएसए) शिक्षा लेने गये तथा सात वर्षों तक वहां रहकर वास्तुकला और इंजीनियरिंग का अध्ययन किया. 1962 वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसी साल टाटा इंडस्ट्रीज में सहायक के रूप में टाटा समूह में शामिल हुए. बाद में टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी (जिसे अब टाटा मोटर्स कहा जाता है) के जमशेदपुर संयंत्र में छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया. 1963 प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी या टिस्को (जिसे अब टाटा स्टील कहा जाता है) में भेजे गये. 1965 टिस्को के इंजीनियरिंग प्रभाग में तकनीकी अधिकारी नियुक्त हुए. 1969: ऑस्ट्रेलिया में टाटा समूह के निवासी प्रतिनिधि के रूप में काम किया. 1970 भारत लौटे, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में शामिल हुए, जो उस समय एक सॉफ्टवेयर कंपनी थी. 1971 नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (जिसे नेल्को के नाम से जाना जाता है) के प्रभारी निदेशक नियुक्त किए गए, जो एक बीमार इलेक्ट्रॉनिक्स उद्यम था. 1974 टाटा संस के बोर्ड में निदेशक के रूप में शामिल हुए. 1975 हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया.

1981 टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष नियुक्त
1981 टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष नियुक्त किए गए; इसे उच्च-प्रौद्योगिकी व्यवसायों के प्रवर्तक में बदलने की प्रक्रिया शुरू की. 1983 टाटा रणनीतिक योजना का मसौदा तैयार किया.
1986-1989 राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. 25 मार्च, 1991जेआरडी टाटा से टाटा संस के अध्यक्ष और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष का पदभार संभाला. 1991टाटा समूह का पुनर्गठन ऐसे समय में शुरू किया गया, जब भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण चल रहा था. 2000 के बाद टाटा समूह के विकास और वैश्वीकरण अभियान ने उनके नेतृत्व में गति पकड़ी और नयी सहस्राब्दी में कई हाई-प्रोफाइल टाटा अधिग्रहण हुए, जिनमें टेटली, कोरस, जगुआर लैंड रोवर, ब्रूनर मोंड, जनरल केमिकल इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और देवू शामिल हैं.

2008 में टाटा नैनो को लॉन्च किया
2008 में टाटा नैनो को लॉन्च किया, जो उस अग्रणी छोटी कार परियोजना से उत्पन्न हुई थी, जिसका उन्होंने जोश और दृढ़ संकल्प के साथ मार्गदर्शन और कमान संभाली थी. 2008 में भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

2012 में टाटा संस के मानद अध्यक्ष नियुक्त
2012 में टाटा समूह के साथ 50 साल बिताने के बाद टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटे और टाटा संस के मानद अध्यक्ष नियुक्त किए गए. 2024 में 9 अक्तूबर, 2024 की रात उन्होंने आखिरी सांस ली.

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