New Delhi. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार को पार्टी के लिए ‘बड़ा झटका’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि अब जवाबदेही तय करने के साथ ही कठोर निर्णय लेने होंगे. उन्होंने कहा कि इन चुनाव परिणामों से निराश नहीं होना चाहिए, पार्टी नेताओं को अनुशासन का सख्ती से पालन करना होगा. पार्टी को पुराने ढर्रे की राजनीति से हर बार सफलता नहीं मिल सकती. हमें हर हालत में चुनाव लड़ने के तरीकों को बेहतर बनाना होगा, क्योंकि समय और चुनाव लड़ने के तरीके बदल गये हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि उसके दुष्प्रचार का जवाब देना होगा. खरगे कांग्रेस कार्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, जाति जनगणना तथा संविधान, सामाजिक न्याय व सौहार्द जन-जन के मुद्दे हैं. बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पार्टी के कई अन्य नेता शामिल हुए.
नेता छोड़ें गुटबाजी बंद करें बयानबाजी
खरगे ने कहा कि इवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है. ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाना निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है. खरगे ने कहा कि हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है. ये नतीजे हमारे लिए संदेश हैं. उन्होंने पार्टी में गुटबाजी और बयानबाजी को हार की वजह बताते हुए कहा कि इसे तुरंत बंद करने और अनुशासन का सख्ती से पालन करने की जरूरत है. समझना होगा कि पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत और उसकी हार में हम सबकी हार है. सिर्फ छह महीने पहले महाराष्ट्र में जिस तरह के नतीजे लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के पक्ष में आये थे, उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव का नतीजा उसके उलट आया. यह राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है.