

New Delhi. आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी दिल्ली की नयी मुख्यमंत्री होंगी. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की मंत्री आतिशी को उनके स्थान पर अगला मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे ‘आप’ विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया. वित्त, शिक्षा और राजस्व सहित 14 विभागों का जिम्मा संभाल रहीं आतिशी (43) उन लोगों में शामिल थीं जिन्होंने केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान राज्य की बागडोर संभाली.
कांग्रेस की शीला दीक्षित और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सुषमा स्वराज के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. केजरीवाल उप राज्यपाल वी. के. सक्सेना से शाम साढ़े चार बजे राज निवास में मुलाकात करेंगे और मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपेंगे जिससे उनके बाद अगले मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की निुयक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा.

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘वह दिल्ली विधानसभा में आप विधायक दल की नयी नेता के रूप में आतिशी के बारे में उप राज्यपाल को सूचित करेंगे.
पार्टी नेता गोपाल राय ने पत्रकारों से कहा कि इस्तीफे के बाद आप विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल उप राज्यपाल से मुलाकात करेगा और आतिशी के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन का दावा पेश करेगा.
केजरीवाल के बाद अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अटकलें तेज थीं. हालांकि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आतिशी का नाम सबसे आगे था और उन्हें केजरीवाल तथा पार्टी में दूसरे प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया का बेहद करीबी माना जाता है। इस बहस पर विराम लगाते हुए केजरीवाल ने आप विधायक दल की बैठक में कालकाजी से विधायक आतिशी का नाम प्रस्तावित किया जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया.
भाजपा ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला मजबूरी में लिया गया है, न कि सिद्धांत से प्रेरित होकर. पार्टी ने उनके इस कदम को ‘‘नाटक’’ और ‘‘अपराध की स्वीकारोक्ति’’ बताया और संदेह जताया कि कहीं उन्होंने आप में अंदरूनी कलह के कारण तो इस्तीफा देने की पेशकश नहीं की है.
शीला दीक्षित दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रही थीं जिन्होंने 1998 से 2013 तक 15 साल तक पद संभाला. स्वराज ने 12 अक्टूबर 1998 से 52 दिनों तक दिल्ली की सत्ता संभाली थी.
