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लहर चक्र में प्रकाशित समाचार के बाद डीजीपी, झारखंड ने आरक्षी अधीक्षक, सरायकेला-खरसावां को दिया सरकारी शिक्षक को मदद करने एवं दोषियों पर पर कार्रवाई का आदेश

लहर चक्र में प्रकाशित समाचार के बाद झारखंड के पुलिस महानिदेशक ने सरायकेला खरसावां पुलिस अधीक्षक को सरकारी शिक्षक को मदद करने एवं अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. ज्ञात हो कि यह समाचार आज लहर चक्र न्यूज़ पोर्टल पर प्रकाशित किया गया था
दबंगों के डर से पूर्वी सिंहभूम जिले के झंडा सिंह मध्य विद्यालय मानगो के टीचर सुजीत वर्मा अपने परिवार सहित सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत माझी टोला, रैन बसेरा कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के क्वार्टर नंबर 47 में अपने पूरे परिवार सहित कैद हैं। सुजीत वर्मा के अनुसार,सुजीत वर्मा द्वारा हाउसिंग को ऑपरेटिव सोसाइटी से संबंधित आरटीआई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी जिसके बाद से उन्हें अनहोनी की घटनाएं महसूस होने लगी। ऐसा उन्हें प्रतीत होने लगा कि कार्य के दौरान जमशेदपुर ऑफिस आने-जाने के समय उन्हें कोई पीछा कर रहा है। जिसकी शिकायत सुजीत वर्मा द्वारा पूर्वी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त, दोनों जिला के पुलिस अधीक्षक एवं स्थानीय प्रशासन से की गई ।यहां तक कि सुजीत वर्मा द्वारा अपने जिला संघ के अध्यक्ष को भी जानकारी दिया गया। जिसको लेकर जिला संघ के अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह द्वारा एक प्रतिनिधित्व मंडल के साथ आदित्यपुर थाना प्रभारी सुषमा कुमारी से मिलकर मामले की पूरी जानकारी दी गई। लेकिन आज भी सुजीत वर्मा डरे सहमे पूरे परिवार के साथ अपने घर में कैद हैं। इन्हें आशंका, भय और डर है कि बाहर जाने से उनकी हत्याएं हो सकती है ।जिसकी जानकारी उन्होंने एवं उनकी पत्नी ने सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिला के पदाधिकारियों को भी ट्वीट कर जानकारी दी गई है। इनके परिवार में एक वृद्ध 79 वर्ष के पिता, एक बेटा, एक पत्नी सहित सुजीत वर्मा खुद अपने ही घर में डर से कैद है l सुजीत वर्मा ने अपनी दुख भरी दास्तान डर के माहौल में सुनाते हुए बताया कि मैं 14 जून 2020 से घर के दरवाजे से अभी तक बाहर पैर तक किसी अनहोनी घटना के भय से नहीं रख पाया हूं ।मुझे हर पल अपने और अपने परिवार की हत्याएं की डर सताए रहती है। देखना है अब कि जिला प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए इन्हें कानूनी मदद प्रदान कर एवं इनके अंदर का भय समाप्त कर बाहर निकालने का प्रयास करती है या यूं ही सुजीत वर्मा अपने घर में ही डर से कैद रहते हैं।
ए के मिश्र

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