नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश के साथ अपने रिश्तों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. ट्रंप ने बांग्लादेश सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए वहां दी जा रही सभी अमेरिकी सहायता को तुरंत रोकने का आदेश दिया है. यह फैसला बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लिया गया है, जो पहले से ही देश के आंतरिक संकटों और अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं का सामना कर रही है.
अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी ने एक आधिकारिक पत्र जारी करते हुए बांग्लादेश में किसी भी प्रकार की सहायता या अनुदान कार्यों को तुरंत निलंबित करने का ऐलान किया है. इस पत्र में बांग्लादेश के सभी अनुबंधों, कार्य आदेशों, सहकारी समझौतों, अनुदानों और खरीद उपकरणों के तहत किसी भी प्रकार के कार्य को बंद करने की बात की गई है.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
यह निर्णय बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के मद्देनजर लिया गया है. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही वहां के हिंदू समुदाय पर हमले बढ़े हैं और कई धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया गया था. ट्रंप ने पहले ही बांग्लादेश में “कट्टरपंथी वामपंथ के धर्म विरोधी एजेंडे” के खिलाफ आवाज उठाई थी और हिंदुओं की रक्षा का समर्थन किया था. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने की बात भी की थी.
अमेरिका का कड़ा संदेश, मोहम्मद यूनुस की चुनौती बढ़ी
बांग्लादेश में बढ़ते आंतरिक और बाहरी दबाव के कारण मोहम्मद यूनुस की सरकार के सामने अब और भी बड़ी चुनौतियां आ सकती हैं. पहले ही बांग्लादेश को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और ट्रंप का यह कदम स्थिति को और जटिल बना सकता है.
ट्रंप का यह कदम बांग्लादेश को एक सख्त संदेश देता है कि अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बेहद गंभीर है. यूएसएआईडी द्वारा जारी पत्र में बांग्लादेश सरकार को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह किसी भी प्रकार की सहायता या अनुदान प्रक्रिया को तुरंत रोक दे.
यह फैसला बांग्लादेश के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि अमेरिकी सहायता पर निर्भर कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं को इससे गंभीर नुकसान हो सकता है. वहीं, बांग्लादेश के अन्य पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस कदम का असर पड़ सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम को लेकर बांग्लादेश में सरकार और अन्य राजनीतिक नेताओं के बीच आलोचनाएं और चर्चाएं शुरू हो गई हैं. अब देखना यह होगा कि बांग्लादेश सरकार इस दबाव से कैसे निपटती है और क्या वह अपनी आंतरिक स्थिति में सुधार कर पाती है.