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पूर्वी सिंहभूम जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में बिजली, पानी, सड़क का उठा मुद्दा , पूर्व के बैठक में दिए गए प्रस्तावों के अनुपालन पर हुई चर्चा l जाने जिला के विकास के लिए क्या-क्या प्रस्ताव आए और क्या-क्या निर्णय लिए गए

पूर्वी सिंहभूम जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक, बिजली, पानी, सड़क का मुद्दा उठा, पूर्व के बैठक में दिए गए प्रस्तावों के अनुपालन पर हुई चर्चा

समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर  के सासंद जमशेदपुर विधुत वरण महतो की अध्यक्षता में ‘दिशा’ (जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति) की बैठक संपन्न हुई। बैठक में उप विकास आयुक्त ने पूर्व के बैठक में बिजली, पानी, सड़क आदि मुद्दे को लेकर दिए गए प्रस्तावों के अनुपालन की जानकारी दी तथा अधतन स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में  विधायक जमशेदपुर पूर्वी  सरयू राय, विधायक घाटशिला  रामदास सोरेन, विधायक जुगसलाई  मंगल कालिंदी, विधायक बहरागोड़ा  समीर मोहन्ती, विधायक पोटका  संजीव सरदार, जिला परिषद अध्यक्ष  बारी मुर्मू, उपाध्यक्ष  पंकज, सभी प्रखंडों के प्रमुख तथा जिला प्रशासन से जिला उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव, उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद, डीएफओ ममता प्रियदर्शी, मुख्य वन संरक्षक वन परियोजना जमशेदपुर  अभिषेक कुमार, अपर उपायुक्त  सौरभ सिन्हा, निदेशक एनईपी  ज्योत्सना सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी  दिनेश रंजन तथा अन्य विभागीय पदाधिकारी मौजूद रहे।

माननीय सांसद जमशेदपुर ने नव निर्वाचित जिला परिषद अध्यक्ष / उपाध्यक्ष तथा सभी प्रखंड प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी पहली बैठक है ऐसे में अगली बैठक में आप सभी अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आएं ताकि उनका उचित निराकरण किया जा सके। बैठक में माननीय जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र से संबंधित बिजली, पानी, सड़क की समस्याओं को रखा । बिजली विभाग के अभियंता को अगले 10 दिनों में प्राप्त शिकायतों के आधार पर जर्जर बिजली के खंभे, झुलते तार बदलने के निर्देश दिए गए । आंगनबाड़ी तथा स्वास्थ्य उप केन्द्रों में विद्युतीकरण की गहन समीक्षा करते हुए जहां किसी कारणवश बिजली नहीं पहुंच पाई है उन सेंटर को आच्छादित करने का निर्देश दिया गया। उपस्थित विद्यायक गण द्वारा ट्रांस्फॉर्मर अधिष्ठापन के लिए विभाग को स्पॉट तक ट्रांस्फॉर्मर पहुंचाने की बात कही गई जिसको लेकर विभागीय पदाधिकारी ने आश्वस्त किया कि ग्रामीणों को इसे लेकर चंदा करने की जरूरत नहीं है, विभाग निश्चित स्थान तक ट्रांस्फॉर्मर पहुंचाते हुए अधिष्ठापन करायेगा । उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीण क्षेत्र में बिजली समस्या पर संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। किसी घर में ही छोटा दुकान है तो उसे कॉमर्शियल चार्ज नहीं लेने तथा ऐसी स्थिति में एफआईआर नहीं करने का सुझाव निर्देश दिया गया । बिजली कनेक्शन काटने से एक महीना पहले उपभोक्ता को नोटिस के माध्यम से सूचित करने का निर्देश दिया गया । माननीय सांसद ने कहा कि इंजीनियरिंग विभाग के पदाधिकारी क्षेत्र में जाते हैं तो माननीय विधायकगण के प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि तथा प्रखंड प्रशासन को भी सूचित करें ताकि आपसी समन्वय से बेहतर कार्य किया जा सके।

बिजली विभाग के जीएम ने जानकारी दी कि वर्तमान में ट्रांसफॉर्मर की कमी को दूर करने के लिए मानव बल की वृद्धि करते हुए अब प्रतिदिन 06 से 07 ट्रांसफॉर्मर की मरम्मती की जा रही है, इसे प्रतिदिन 10 तक करने का सुझाव दिया गया ताकि बरसात के दिनों में बिजली समस्या पर तत्काल राहत पहुंचाई जा सके। जीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी 07 दिनों के अंदर खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने को लेकर समिति को आश्वस्त किया । जिला उपायुक्त द्वारा कंप्लेंट रिड्रेसल सिस्टम तैयार करने का निर्देश देते हुए जिला स्तर के सभी विभागीय पदाधिकारी, अभियंता आदि के फोन नंबर सार्वजनिक करने के निर्देश दिए ताकि जरूरत पड़ने पर आम जनता आसानी से संपर्क बना सके।

बैठक में एमजीएम अस्पताल में उपरी तल्ले पर बने लेबर रूम को नीचे के तल्ले या ग्राउंड फ्लोर में शिफ्ट करने का सुझाव दिया गया जिसपर जिला उपायुक्त ने उचित कार्रवाई को लेकर आश्वस्त किया । पटमदा के माचा अस्पताल में चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों के गायब रहने की शिकायत मिली जिसपर जिला उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रतिनियुक्त प्रखंड में पदाधिकारी या कर्मियों का आवासन नहीं पाये जाने पर एच.आर.ए नहीं दी जाएगी । भूमि संरक्षण पदाधिकारी (प्रभारी) को अनिवार्य रूप से 03 दिन इस जिले में समय देने का निर्देश दिया गया । चाकुलिया एवं बहरागोड़ा में आधार इनरॉल्मेंट कैम्प की मांग की गई। भवनहीन विद्यालयों में भवन निर्माण को लेकर क्या कार्रवाई की गई है इससे समिति को अवगत कराया गया। कुछ विद्यालयों में पानी की समस्या पर डीप बोरिंग कराने का निर्देश पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता को दिया गया।

माननीय सांसद जमशेदपुर द्वारा बैठक में अमृत सरोवर योजना के क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होने बताया कि यह केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें प्रत्येक जिले में 75 तालाबों का विकास तथा नए तालाबों का निर्माण करना है । चिन्हित तालाब का क्षेत्रफल न्यूनतम 01 एकड़ (0.4 हैक्टेयर) हो तथा जल संग्रहण क्षमता 10,000 क्यूबिक मीटर हो, जिससे अधिक से अधिक वर्षा जल को संग्रहित करके भू जल स्तर में वृद्धि किया जा सके तथा भविष्य में जल संकट से बचा जा सके। माननीय सांसद ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पेयजल संकट को दूर करना तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त जल की व्यवस्था करना एवं भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना है । उन्होने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस योजना के तहत अब तक कुल 96 तालाब चिन्हित किए गए हैं, नए प्रस्ताव भी उन्होने मांगे । अमृत सरोवर योजना के तहत बहरागोड़ा से 12, बोड़ाम 03, चाकुलिया 15, धालभूमगढ़ 04, डुमरिया 01, घाटशिला 10, जमशेदपुर 19, गुड़ाबांदा 03, मुसाबनी 04, पटमदा 13 तथा पोटका के 12 तालाब शामिल हैं।

कुमार मनीष, 9852225588

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