New Delhi. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और अन्य से उस याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा, जिसमें पीड़ितों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ‘एंटीवेनम’ और सर्पदंश का इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. ‘एंटीवेनम’ का इस्तेमाल सर्पदंश के इलाज में होता है. याचिका में कहा गया है कि देश को ‘एंटीवेनम’ की कमी के कारण गंभीर स्वास्थ्य संकट झेलना पड़ रहा है.
भारत में सर्पदंश से हर साल 58,000 मौतें होती हैं. सिर्फ झारखंड में हर साल मौत का आंकड़ा 4500 है. अधिवक्ता चांद कुरैशी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘भारत में सांप के काटने से होने वाली मौतों की दर दुनिया में सबसे अधिक है, यहां हर साल लगभग 58,000 मौतें होती हैं. इतनी अधिक मृत्यु दर के बावजूद एंटीवेनम (पॉलीवेनम) इलाज की कमी है. इसमें कहा गया है कि देश के कई ग्रामीण इलाकों में ‘एंटीवेनम’ का पर्याप्त भंडार नहीं है, जिसके कारण सर्पदंश पीड़ितों के इलाज में देरी हो रही है.
याचिका में सर्पदंश रोकथाम स्वास्थ्य मिशन और सर्पदंश जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ताकि मृत्यु दर को कम किया जा सके, खासकर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में.इसमें सरकारी जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानक चिकित्सा मानदंडों के अनुसार विशेष प्रशिक्षित चिकित्सकों के साथ सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाइयां स्थापित करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.