Jamshedpur. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन) पर हो रहे अत्याचार के विरोध में गुरुवार को सर्व सनातन समाज के नेतृत्व में लोगों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया. 28 संगठनों से जुड़े सैकड़ों हिंदू जनमानस युवा शक्ति व मातृ शक्ति ने सड़क पर उतर कर अपना आक्रोश जताया. साकची नेताजी सुभाष मैदान से उपायुक्त कार्यालय तक आक्रोश यात्रा निकाल कर बांग्लादेश के युनूस सरकार और कट्टरपंथियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंप कर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में कड़े कदम उठाने की मांग की.
प्रदर्शन में नेताजी सुभाष मंच के प्रमुख शेखर डे, श्री रामनवमी अखाड़ा समिति के प्रमुख अभय सिंह, सनातन उत्सव समिति के संस्थापक चिंटू सिंह, महाकाल सेवा समिति के संरक्षक नीरज सिंह, पूर्व विधायक रामचंद्र सहिस, आजसू के जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह, अप्पू तिवारी, विहिप के अध्यक्ष अजय गुप्ता, रंगरेटा सभा के प्रमुख मंजीत सिंह गिल, अधिवक्ता रविंद्र नाथ चौबे, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा, सांझी आवाज के संरक्षक सतबीर सिंह सोमू, आगाज के संरक्षक इंदर सिंह, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरुण सिंह, हिंदू पीठ के अरुण सिंह, रवि सिंह, इस्कॉन के स्वामी जगन्नाथ दास, शिक्षाविद रागिनी, आरएसएस के रामचंद्र समेत बंगाल क्लब, द मिलानी, भारत सेवाश्रम, हिंदू उत्सव समिति, राम कृष्ण मिशन, महाराष्ट्र हितकारी मंडल, ब्रह्मकुमारी समाज, करनी सेना, वैश्य समाज, राधा स्वामी सत्संग, गायत्री परिवार, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, इस्कॉन, बरनवाल मोदी सेवा समिति, उत्तर प्रदेश संघ, बिहार एसोसिएशन, ब्रह्मऋषि समाज, हिंदू पीठ, गौ रक्षा समिति, दुर्गावाहिनी, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
मौके पर द मिलानी के प्रमुख सह समाजसेवी शेखर डे ने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है. उनके परिवार के लोगों ने बांग्लादेश की आजादी के लिए अपना खून बहाया है. अब निहत्थे लोगों का खून बहता वे नहीं देख पा रहे हैं. इस मामले में भारत सरकार की चुप्पी समझ से परे है. भारत सरकार को बांग्लादेश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए बढ़ना चाहिए, ताकि समय रहते वहां हिंदुओं की सुरक्षा की जा सके.