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झारखंड रेरा(RERA) में पैसा और पैरवी के बल पर पंचायत क्षेत्र के बिल्डरों द्वारा मुखिया से स्वीकृत नक्शा के आधार पर कराया जा रहा है निबंधन ? जिला अवर निबंधक कार्यालय द्वारा भी किया जा रहा है रेरा रजिस्ट्रेशन के आधार पर अवैध रूप से नक्शा स्वीकृत फ्लैटों की रजिस्ट्री

झारखंड RERA कार्यालय द्वारा निबंधित बिल्डरों की सूची में आज भी कई ऐसे भवन निर्माता सूचीबद्ध है जिनके द्वारा झारखंड के पंचायत क्षेत्रों में बहुमंजिला भवन निर्माण कराया जा रहा है और ऐसे बहुमंजिला भवन निर्माण का नक्शा जिला परिषद के वजह मुखिया एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधि द्वारा पास कराया गया है I

जमशेदपुर में बीते दिनों पूर्वी सिंहभूम के उप विकास आयुक्त/ जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी परमेश्वर भगत ने अपने रिटायरमेंट के कुछ दिन पूर्व ऐसे मामले का उद्भेदन किया है I उन्होंने बताया कि झारखंड में बिल्डिंग बायलॉज वर्ष 2017 से लागू है जिसके तहत जिला परिषद, जिले के विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में बन रहे बहुमंजिला भवन का नक्शा स्वीकृत करेगी l उन्होंने बताया कि इसकी सूचना बैंकों को भी दे दी गई थी ,इसके बावजूद कई बैंक ने मुखिया द्वारा स्वीकृत नक्शा पर लोन दे दिया गया l

सूत्र बताते हैं कि झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA)द्वारा सूचीबद्ध भवन निर्माता निर्माताओं की सूची में आज भी कई ऐसे नाम जांच में सामने आ सकते हैं जो मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं जिला परिषद सदस्य द्वारा नक्शा पास कराए गए I ऐसे भवन निर्माता लेबर सेस एवं अन्य तकनीकी परेशानियों से बचने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों से नक्शा स्वीकृत करा RERA में अपना रजिस्ट्रेशन कराने में सफल रहते हैं l

जिला अवर निबंधक  कार्यालय सिर्फ यह कह कर ग्रामीण क्षेत्र के बहुमंजिला भवन के बिल्डर एवं खुद को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि हमारा काम RERA द्वारा सूचीबद्ध बिल्डर के फ्लैट की रजिस्ट्री करने का है ना कि उसका नक्शा उपयुक्त अथॉरिटी द्वारा स्वीकृत है अथवा नहीं है, देखने का काम नहीं है I

ऐसे में झारखंड में RERA का गठन एवं उसका लाभ पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है ? लोगों का कहना है कि RERA  का उद्देश्य ग्राहकों को भवन निर्माताओं के ठगी से बचाने का था पर सांठगांठ कर भवन निर्माता आज भी ग्राहकों को अवैध रूप से नक्शा स्वीकृत कराए गए फ्लैट बेच रहे है l

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