Jamshedpur. फायरिंग व हत्या के मामले में हथियार के साथ गिरफ्तारी के बाद अमूमन पुलिस इस बात का पता लगाना भूल जाती है कि आखिर हथियार की सप्लाई किसने की थी. शनिवार को इसे लेकर कोल्हान डीआइजी मनोज रतन चौथे शहर पहुंचे. उन्होंने गत वर्ष 2024 में हुए फायरिंग के मामले में हथियार सप्लायरों का पता लगाने का निर्देश थाना प्रभारी और केस के अनुसंधानकर्ता को दिया. वर्ष 2024 में जिला में फायरिंग के 54 केस दर्ज हुए. हालांकि अधिकांश मामले में पुलिस ने हमलावरों की गिरफ्तारी की है.
इसके अलावा हथियार भी बरामद किया है. लेकिन हथियार शहर में कब और कैसे पहुंचा. इसकी जांच अनुसंधानकर्ता द्वारा नहीं की गयी. जिसपर कोल्हान डीआइजी ने सभी थाना प्रभारी और अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया कि एक माह में केस में बरामद हुए हथियार के सप्लायर का पता लगाये और उसके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई करें. जिला या राज्य के बाहर के हथियार सप्लायरों का पता लगाकर उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें. इसके अलावा जेल से छूटे बदमाशों की जानकारी इकट्ठा करें . जेल से छूटने के बाद उनके द्वारा किया जा रहा कार्य का भी पता लगाये.
कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथे ने बताया कि बैठक में मुख्यत: गत एक वर्ष में हुये फायरिंग के मामले की समीक्षा कर निर्देशित किया गया है. लेकिन थाना प्रभारी व अनुसंधानकर्ताओं को नशीली दवा और मादक पदार्थ के सप्लायर की तह तक जाकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. आगामी बैठक में इसकी समीक्षा की जायेगी. बैठक में एसएसपी किशोर कौशल, ग्रामीण एसपी ऋषव गर्ग,सिटी एसपी कुमार शिवाशीष के अलावा सभी डीएसपी , थाना प्रभारी और फायरिंग केस के अनुसंधानकर्ता मौजूद थे.