Prayagraj. एपल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन पॉवल जॉब्स प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने आ रही हैं. अरबपति कारोबारी लॉरेन यहां कल्पवास भी करेंगी और साधुओं की संगत में सादगीपूर्ण जीवन गुजारेंगी. बता दें कि दिवंगत पति स्टीव जॉब्स की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास जुड़ाव रखती हैं और अक्सर ऐसे धार्मिक समागमों में उनकी मौजूदगी देखी जाती रही है. आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद जी महाराज ने बताया कि वह यहां अपने गुरु से मिलने आ रही हैं. हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम ‘कमला’ रखा है. वह हमारी बेटी के समान हैं. यह दूसरी बार है, जब वह भारत आ रही हैं. लॉरेन निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में 29 जनवरी तक रहेंगी और सनातन धर्म को करीब से समझने का प्रयास करेंगी. वह 19 जनवरी से शुरू हो रही कथा की पहली यजमान भी होंगी.
स्टीव जॉब्स भी रखते थे सनातन में भरोसा
एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स भी सनातन परंपरा में विश्वास रखते थे. उनके जीवन से जुड़े कई किस्से हैं, जिनमें वह भारतीय संतों से प्रभावित रहे हैं. इन संतों में बाबा नीम करोली महाराज का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है. 1974 में स्टीव जॉब्स बाबा नीम करोली के दरबार में आये थे. परमहंस योगानंद द्वारा लिखित ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ किताब का उनके ऊपर खासा असर पड़ा था.