Imphal.‘कोर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) के सदस्यों की अगुवाई में लोगों के एक समूह ने कर्फ्यू आदेशों का उल्लंघन करते हुए सोमवार को इंफाल पश्चिम जिले में कई सरकारी कार्यालयों के दरवाजों पर ताले जड़ दिये. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ये लोग जिरीबाम में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हाल ही में हुई हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. सीओसीओएमआई इंफाल घाटी क्षेत्र में बहुसंख्यक जातीय समूह मेइती का एक प्रभावशाली संगठन है. इंफाल घाटी क्षेत्र में इंफाल पश्चिम सहित पांच जिले आते हैं.
मणिपुर सरकार ने सोमवार को राज्य के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को बुधवार तक बढ़ा दिया. अधिकारियों ने बताया कि जिरीबाम जिले में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा मारे गए लोगों और उनके परिवारों के लिए न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी लाम्फेलपाट में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय परिसर में घुस गये और कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया. ताकयेल स्थित जैव संसाधन एवं सतत विकास संस्थान (आईबीएसडी) के मुख्य कार्यालय और अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय के दरवाजे पर भी प्रदर्शनकारियों ने ताले जड़ दिए.
इस बीच, राज्य में ‘कुकी जो हमार’ उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग को लेकर इंफाल के ख्वाइरामबंद बाजार में सीओसीओएमआई द्वारा दिया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन भी जारी रहा. प्रदर्शन में शामिल फिल्म कलाकार लाइमयुम सुरजाकांता ने कहा, “हम जिरीबाम में कुकी हमार उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों की इस बर्बर हत्या को बर्दाश्त नहीं करेंगे. केंद्र को कार्रवाई करने की जरूरत है. निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या करने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
मणिपुर में 11 नवंबर को जिरीबाम में विस्थापितों के लिए बने शिविर से छह लोगों के लापता होने के बाद विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू हो गये. इसके बाद सशस्त्र लोगों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें 10 कुकी युवकों की मौत हो गई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण’ 16 नवंबर को इंफाल घाटी के इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है.