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एमजीएम अस्पताल में सेनापति के वीआईपी ट्रीटमेंट एवं अधीक्षक-उपाधीक्षक की भूमिका पर खुफिया विभाग की निगाहें ! 

एमजीएम अस्पताल में सेनापति के वीआईपी ट्रीटमेंट एवं अधीक्षक-उपाधीक्षक की भूमिका पर खुफिया विभाग की निगाहें !
प्राप्त जानकारी के अनुसार खुफिया विभाग के एमजीएम हॉस्पिटल पर निगाहें रखने की चर्चाएं दिन भर एमजीएम अस्पताल में होती रही। कहां जा रहा है कि एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक और उपाधीक्षक द्वारा सेनापति को दिए जा रहे डॉक्टर के टीमों द्वारा ट्रीटमेंट पर भी खुफिया विभाग की निगाहें है । पुलिस एवं पत्रकार को औकात बताने की बात करने वाले सेनापति गिरफ्तार होते ही बीमार पड़ गए हैं। पैसे खर्च कर जेल के बजाए मरीज बनकर अस्पताल में रहेंगे सेनापति, या जाएंगे जेल? यह चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है । वही  लोगों द्वारा एमजीएम अधीक्षक एवं उपाधीक्षक की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं ।पुलिस एवं पत्रकार के साथ उलझने वाले रामा कृष्णा forging कंपनी के वरीय सीपीओ अधिकारी सेनापति गिरफ्तार होते ही बीमार पड़ गए हैं lसूत्र बताते हैं कि कई पैसे वाले अपराधी जेल जाने के भय से खुद को बीमार साबित कराने के लिए मोटी रकम खर्च कर  अस्पताल प्रबंधन को मैनेज कर वीआईपी ट्रीटमेंट प्राप्त करने का प्रयास करते हैं l या यू  कहे, पूंजीपति ,अपराधी के एमजीएम पहुंचते ही यहां की फिजाएं बदल बदल जाती है।

जिला प्रशासन ऐसे अपराधी एवं उनके  सहयोगीयों को बेनकाब करने के लिए मेडिकल जांच टीम के द्वारा किए गए जांच पर पुनः जांच बैठा कर यानी क्रॉस चेक करा कर ऐसे गठजोड़ को तोड़ा जा सकता है l साथ ही स्वास्थ्य जांच के पूरे मामले का वीडियो रिकॉर्डिंग कर भी अपराधी एवं उनके सहयोगियों पर कार्रवाई किया जा सकता है l
ए के मिश्र

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