
Potka. महाकुंभ की भगदड़ से लापता पोटका की महिला गीता देवी शुक्रवार शाम को सकुशल जमशेदपुर लौट आयी. अभी वह जमशेदपुर के रिफ्यूजी कॉलोनी स्थिति अपने रिश्तेदार के घर में रुकी है. गीता को जमशेदपुर लाने वाली जुगसलाई निवासी संगीता देवी ने कहा कि भगदड़ के बाद संगम तट की स्थिति अत्यंत भयावह थी. लोग अपने परिजनों से बिछड़कर रो रहे थे. इसी दौरान दूसरे दिन होटल में खाना खाने के दौरान उनकी नजर गीता देवी पर पड़ी. गीता काफी घबरायी हुई थी और रो रही थी. इसके बाद उन्हें ट्रेन से बनारस लेकर आयी. इसके बाद बक्सर से जमशेदपुर की ट्रेन में सवार होकर टाटानगर स्टेशन पहुंचे.

28 जनवरी की रात में महाकुंभ में हुई भगदड़ से गीता देवी लापता हो गयी थी. वह अपने पति चैतन हेंब्रोम, पुत्र हरनाम हेंब्रोम एवं सास के साथ 27 जनवरी को प्रयागराज गयी थी. 29 जनवरी को गीता देवी को छोड़कर सभी मिल गये, पर गीता देवी लापता थी. परिजन वहीं रुककर खोजबीन कर रहे थे. गीता देवी ने बताया कि महाकुंभ में 28 जनवरी की देर रात में वह अपने परिजनों के साथ संगम तट पर बैठी थी. इसी दौरान भगदड़ मच गयी. इसमें वह परिजनों से बिछड़ गयी. नये शहर में वह ना तो किसी को पहचान रही थी, ना पास में पैसे थे.
वह भीड़ के बीच भटक रही थी. एक होटल के समीप रोते बिलखते देख जमशेदपुर के जुगसलाई निवासी संगीता देवी और सुरेन्द्र चौधरी उनसे जानकारी ली. अपने शहर का पाकर काफी मदद की. अपने साथ में लेकर जमशेदपुर आ गये. इस दुख की घड़ी में गीता देवी साथ देने के लिए संगीता देवी के प्रति आभार प्रकट किया है. गीता देवी को खोजने के लिए उनका बड़ा पुत्र दीपक हेम्ब्रोम शुक्रवार शाम को अपने तीन दोस्तों के साथ प्रयागराज पहुंचा. परिजनों को फोन के माध्यम से सूचना मिलने के बाद सभी काफी खुश होकर लौट रहे हैं.
